Highlights
- हमारे मज़हब में सियासत के लिए गलत माहौल बनाया जा रहा है: उमर अब्दुल्ला
- उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दिन में 5 बार अजान होती है, इसमें गुनाह क्या है?
Omar Abdullah on Halal Meat and Loudspeakers: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि देश में सियासत के लिए गलत माहौल बनाया जा रहा है। Omar Abdullah ने कहा कि अगर बाकी जगहों पर लाउडस्पीकर इस्तेमाल होते हैं मस्जिदों में क्यों नहीं होने चाहिए। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि हमारे मजहब में है कि हलाल मीट खाना है तो इसपर रोक क्यों लगाई जा रही है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोई मुसलमान तो किसी गैर मुसलमान को जबरदस्ती हलाल मीट नहीं खिला रहा।
‘मस्जिदों में लाउडस्पीकर क्यों नहीं इस्तेमाल होने चाहिए?’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'हमारे मज़हब में सियासत के लिए गलत माहौल बनाया जा रहा है। और यह सिर्फ हिजाब की बात नहीं है। हमें कहा जा रहा है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर नहीं इस्तेमाल होने चाहिए। क्यों भाई? अगर बाकी जगहों पर लाउडस्पीकर इस्तेमाल होते हैं तो मस्जिदों में क्यों नहीं। दिन में 5 बार अजान होती है, इसमें गुनाह क्या है? आप कहते हो कि हलाल मीट नहीं बिकना चाहिए। क्यों? हमारे मजहब में है कि हलाल मीट खाना है। आप क्यों इसपर रोक लगा रहे हो? हम आपको मजबूर नहीं कर रहे हैं खाने के लिए।'
‘आपको सिर्फ हमसे दिक्कत है, बाकियों से नहीं’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे बताइए कि किस मुसलमान ने किसी गैर मुसलमान को कहा है कि आपको मजबूरन हलाल खाना है। आप अपने हिसाब से खाइए, हम अपने हिसाब से खाएंगे। हम आपसे नहीं कहते कि मंदिरों में आपका माइक नहीं लगना चाहिए। बाहर माइक नहीं लगते मंदिरों में? क्या गुरुद्वारों में माइक नहीं लगते? लगते हैं, लेकिन आपको सिर्फ हमारा माइक खटकता है। आपको सिर्फ हमारा मजहब खटकता है। आपको सिर्फ हमारे कपड़े पसंद नहीं हैं, बाकियों से आपको कोई दिक्कत नहीं है।'
‘ये वो हिंदुस्तान नहीं है जिसमें हम शामिल हुए थे’
आजादी के बाद भारत में जम्मू-कश्मीर के विलय का जिक्र करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'ये वो हिंदुस्तान नहीं है जिसमें जम्मू-कश्मीर शामिल हुआ था। हम उस हिंदुस्तान में शामिल हुए थे जिसमें हर मजहब को बराबर के नजरिए से देखा गया था। हमें यह नहीं कहा गया था कि एक मजहब को ज्यादा अहमियत दी जाएगी और बाकी मजहबों को दबाया जाएगा। अगर हमसे यह कहा गया होता तो शायद हमारा फैसला कुछ और होता। हम भाईचारे की बात करते हैं, और हमारा मुकाबला उन लोगों के साथ है जो इस भाईचारे को तहस-नहस करना चाहते हैं। लेकिन हम इसकी इजाजत नहीं देंगे।'