केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज ओडिशा में तीन रैलियां की। भद्रक की रैली में अमित शाह ने दो-टूक शब्दों में कहा कि वो किसी तमिल बाबू को ओडिशा पर शासन नहीं करने देंगे। अमित शाह ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन सब समझ गए कि उनके निशाने पर वीके पांडियन हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार के तौर पर काम कर चुके वीके पांडियन ने IAS की नौकरी छोड़कर BJD ज्वाइन कर ली है। अब वो BJD के स्टार कैंपेनर हैं। वी के पांडियन को नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी माना जा रहा हैं। नवीन पटनायक कहां जाएंगे, कहां रैली करेंगे, क्या बोलेंगे, ये सब कुछ वीके पांडियन ही तय करते हैं इसीलिए आज अमित शाह ने कहा कि ओडिशा पर शासन इसी राज्य का व्यक्ति करेगा, कोई तमिल नेता नहीं।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और वी के पांडियान का एक वीडियो आजकल खूब चर्चा में हैं। ये वीडियो BJD की पब्लिक मीटिंग का है। नवीन पटनायक कुछ बोल रहे हैं और माइक पकड़कर वी के पांडियन खड़े हैं। वीडियो में दिख रहा है कि नवीन पटनायक का हाथ बुरी तरह हिल रहा है। कुछ सेंकेड के बाद पांडियन नवीन पटनायक का हाथ पकड़ कर डायस में अंदर की तरफ कर देते हैं जिससे कोई देख न सके। किसी को नवीन पटनायक की सेहत का अंदाजा न हो। इस वीडियो के आधार पर इल्जाम लगाया जा रहा है कि नवीन पटनायक की सेहत ठीक नहीं हैं और पांडियन ने नवीन बाबू को पूरी तरह कब्जे में ले रखा है।
हिमंता बिस्वा सरमा ने कसा तंज
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा तो नवीन पटनायक और पांडियन के इसी वीडियो को दिखाकर सवाल उठाया। हिमंता ने कहा कि हाईकोर्ट को इस बात की जांच करनी चाहिए कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि नवीन पटनायक को सामने रखकर सारे सरकारी फैसले वीके पांडियन कर रहे हैं। एक ट्वीट में हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह एक बहुत दुखद वीडियो था। इसमें नवीन बाबू के हाथ कंपन को वीके पांडियन नियंत्रित करते हैं। मैं यह कल्पना करके हैरान हूं कि तमिलनाडु का एक सेवानिवृत्त पूर्व नौकरशाह ओडिशा के भविष्य को कैसे नियंत्रित कर रहा है।
जब ये वीडियो बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया तो नवीन पटनायक का एक 10 सेकेन्ड का बयान आया। इसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी गैरज़रूरी चीजों को मुद्दा बना रही है। अब वो मेरे हाथ पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा।
वीके पांडियन ने क्या कहा?
ये सारी बातें सही है कि नवीन पटनायक की तबीयत ठीक नहीं रहती। उनके हाथ कांपते हैं, वो उड़िया नहीं बोल पाते लेकिन इसके बावजूद वो ओडिशा के सबसे पॉपुलर लीडर हैं। उनके हाथ थामने वाले पांडियन से जब पूछा गया कि नवीन पटनायक तो भाषण भी नहीं दे पाते वो चुनाव कैसे जीतेंगे, तो पांडियन ने कहा कि पिछले पांच चुनाव नवीन बाबू ने एक लाइन का भाषण देकर जीते थे। इस बार तो वो पांच पांच वाक्य बोल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में इस बार नवीन बाबू की BJD को चाहे मेजॉरिटी ना मिले लेकिन वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी लेकिन लोकसभा में नरेंद्र मोदी को जबरदस्त फायदा होगा। ओडिशा में बीजेपी की सीटों का नंबर चौंकाने वाला हो सकता है।