ओडिशा विधानसभा चुनाव में कई जगहों पर लड़ाई दिलचस्प हो गई है। गंजम जिले में बीजेपी बनाम कांग्रेस की चुनावी लड़ाई में भाई के सामने भाई चुनावी मैदान में खड़ा है। चिकिटी विधानसभा क्षेत्र में एक-दूसरे का सामना करने वाले भाई ओडिशा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चिंतामणि ज्ञान सामंतराय के बेटे हैं। भाजपा ने जहां ने छोटे भाई मनोरंजन द्यान सामंतराय को टिकट दिया, वहीं उनके बड़े भाई रविंदनाथ द्यान सामंतराय को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। मनोरंजन और रविंदनाथ के पिता चिंतामणि ज्ञान सामंतराय के बेटे हैं। चिंतामणि कांग्रेस के सीनियर नेता रहे हैं और चिकिटी से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। वे दो बार निर्दलीय और एक बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।
जिस सीट पर लड़ रहे चुनाव उस पर बीजेडी का कब्जा
जूनियर सामंतराय कांग्रेस के टिकट पर दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। जबकि उनके बड़े भाई पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। बीजू जनता दल (बीजेडी) ने राज्य की शहरी विकास मंत्री उषा देवी के बेटे चिन्मयानंद श्रीरूप देब को चिकिटी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। उषा देवी इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं। उषा देवी इस सीट से पांच बार विधायक चुनी गई थीं। वर्तमान में यह सीट बीजेडी के पास है।
क्या कहते हैं रवींद्रनाथ
रवींद्रनाथ ने कहा कि मैं अपने पिता के समय से ही कांग्रेस में सक्रिय रहा हूं। इसलिए मुझे पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिला। यह दो विचारधाराओं के बीच मुकाबला होगा न कि दो भाइयों के बीच। मनोरंजन ने दावा किया कि वह पिछले कई वर्षों से राजनीति में बहुत सक्रिय हैं। इसलिए उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया। उन्होंने कहा, "कुछ निहित स्वार्थों ने परिवार में अशांति पैदा करने के लिए मेरे भाई को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए उकसाया होगा।
बेटों का प्रचार नहीं करेंगे पिता
चिंतामणि द्यान सामंत्रे ने कहा कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह किसी का चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। 84 वर्षीय कांग्रेसी नेता ने कहा कि वह कांग्रेसी हैं और भाजपा की नीतियों का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे छोटे बेटे का बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला उसका अपना फैसला था। लोकतंत्र में हम अपना फैसला किसी पर नहीं थोप सकते।
नबरंगपुर में बुआ-भतीजे के बीच मुकाबला
बता दें कि 13 मई को होने वाले ओडिशा विधानसभा चुनाव में दक्षिणी ओडिशा का नबरंगपुर जिला बुआ और भतीजे के बीच चुनावी लड़ाई का गवाह बनेगा। कौशल्या प्रधान को बीजेडी ने नबरंगपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है, जबकि उनके भतीजे दिलीप उसी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। दिलीप ने कहा कि यह दो पार्टियों की लड़ाई है। बुआ-भतीजे के बीच नहीं। कौशल्या ने कहा कि चुनाव का उनके पारिवारिक रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ेगा।