बहराइच हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, जहां बुलडोजर एक्शन पर रोक की मांग को लेकर दायर याचिका पर आज सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर 15 दिन की रोक लगा चुकी है। इस बीच बहराइच कांड को लेकर बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा एक बार फिर अपने बयान के चलते सुर्खियों में हैं। हालांकि इसके बाद उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी है।
बहराइच कांड पर योगी के एक्शन का समर्थन
नूपुर शर्मा ने बहराइच हत्याकांड में योगी सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है। उन्होंने बुलंदशहर में ब्राह्मण समाज के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सवाल पूछा कि क्या एक झंडे को उखाड़ देने पर हमारे देश का कानून किसी की निर्मम हत्या करने की इजाजत देता है। नूपुर ने कहा कि हम बंटेंगे तो कटेंगे इसलिए देश, सनातन और समाज के लिए सोचिए। हम कोई मच्छर या बीमारी नहीं है जिसे मसला जाए।
पैगंबर के खिलाफ विवादित बयान देकर चर्चा में आने वाली नूपुर शर्मा ने मंच से बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा को लेकर कहा, ''बहराइच में जिस तरह से रामगोपाल मिश्रा जी की हत्या की गई, मुझे बहुत कष्ट हुआ। शायद आपसे ज्यादा गहराई से मैं इसे समझ सकती हूं क्योंकि मैं ढाई साल से इससे जूझ रही हूं। मैं ही नहीं मेरा परिवार...इस मंच पर और शायद आप सभी में वो बहुत वरिष्ठ लोग हैं जिन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया और प्रार्थना की कि आज सही सलामत ठीक-ठाक आपके सामने जीवित खड़ी हूं। पैंतीस गोलियां, नाखून उखाड़ दिए, पेट फाड़ दिया, आंख निकाल दी क्यों...दोबारा पूछूंगी कि क्या झंडा हटाने के लिए हमारे देश का कानून किसी की निर्मम हत्या की इजाज़त देता है? ये बहुत आम बात हो गई है।''
'हम मच्छर या बीमारी नहीं जो मसले जाएं'
नूपुर ने आगे कहा, ''अपने से आगे सोचना पड़ेगा...पहले देश के बारे में सोचिए। दूसरा सनातन समाज के बारे में सोचिए...बहुत लोग कहते फिर रहे हैं गलियों में कि सनातन को देख लेंगे...बंटेंगे तो कटेंगे..हम मच्छर नहीं हैं...गंदी बीमारी नहीं हैं कि उन्हें मसला कुचला जाएगा और तीसरा अपने समाज में एक दूसरे के बारे में सोचिए कि हम उनके लिए क्या कर सकते हैं।''
मैं अपने शब्द वापस लेती हूं- नूपुर शर्मा
वहीं, आपको बता दें कि बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पूर्व बीजेपी नेता ने माफी भी मांग ली है। नूपुर शर्मा ने X पर लिखा है, ''दिवंगत राम गोपाल मिश्रा जी के बारे में जो मैंने मीडिया में सुना था वह मैंने दोहराया। मुझे पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट के स्पष्टीकरण के बारे में नहीं पता था। मैं अपने शब्द वापस लेती हूं और क्षमा मांगती हूं।''
पुलिस ने खारिज किया दावा
बहराइच हिंसा से पहले सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि हमलावरों ने राम गोपाल मिश्रा को मौत के घाट उतारने से पहले उसे बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया था। इसके बाद उस पर धारदार हथियार से वार किए। इसके अलावा, उसके चेहरे, गले और सीने पर करीब 35 छर्रे के निशान मिले हैं। यही नहीं, हमलावरों ने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए उसके पैरों के नाखून भी निकालकर उसके आंखों के पास किसी नुकीली वस्तु से हमला कर दिया था। हालांकि, 16 अक्टूबर को पुलिस ने ये सारी बातें खारिज कर दीं।
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