बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से जनता दल (यूनाइटेड) का अध्यक्ष चुन लिया गया है। इसके साथ ही राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह की अध्यक्ष के पद से विदाई हो गई है। ललन सिंह ने ही नीतीश को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे सबने मान लिया। अध्यक्ष बनने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने अपने आगे की प्लानिंग का खुलासा किया है।
बिहार जितना काम कहीं नहीं हुआ
पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद नीतीश कुमार ने दावा किया कि उन्हें कोई पद या दावेदारी नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ भी नहीं मांगा है। उन्होंने कहा कि वह अब बिहार के अच्छे कामो को देश भर में घूमकर बताएंगे। वह दूसरे राज्यों में भी जाएंगे। नीतीश ने आरोप लगाया कि भाजपा हमारे अच्छे कामों का प्रचार नहीं होने देती जबकि बिहार में जितना अच्छा काम हुआ, कहीं और नहीं हुआ।
पद संभालने के इच्छुक नहीं नीतीश
सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के फैसले का पालन करेंगे। बैठक में जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई, उनमें जातिगत जनगणना को आगे बढ़ाने और बिहार में 'जाति सर्वेक्षण' कराने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना भी शामिल थी। इसके कारण राज्य सरकार ने आरक्षण को मौजूदा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया। अब हर पार्टी इसका समर्थन कर रही है।
नीतीश सीएम पद पर कुछ दिनों के मेहमान- भाजपा
नीतीश कुमार के जेडीयू अध्यक्ष बनने पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पहले भी 2-3 पार्टी अध्यक्षों को हटा चुके हैं। उन्होंने अब ललन सिंह को भी हटा दिया। गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा कार्यालाय से लेकर कार्यकर्ताओं तक के दरवाजे बंद हैं। अब वे मुख्यमंत्री पद पर कुछ ही दिनों के मेहमान हैं।
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