कर्नाटक पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा मुश्किल में फंस गए हैं। बेंगलुरु की एक कोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किया है। येदियुरप्पा के खिलाफ ये वारंट यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानी POCSO केस के तहत जारी किया गया है। इस कारण अब बीएस येदियुरप्पा के गिरफ्तार होने का खतरा है। आइए जानते हैं कि क्या है इस पूरे मामले की कहानी।
क्या है आरोप?
दरअसल, कुछ महीने पहले ही एक 17 वर्षीय एक लड़की की मां ने आरोप लगाया था कि इस साल दो फरवरी को येदियुरप्पा ने अपने आवास पर मुलाकात के दौरान उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था। पुलिस ने महिला के बयान के आधार पर येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज किए जाने के कुछ ही घंटे बाद कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक ने इस मामले को तत्काल प्रभाव से जांच के लिए सीआईडी को सौंप दिया था।
येदियुरप्पा ने खारिज किया है आरोप
कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सामने आकर जवाब दिया था और सभी आरोपों को खारिज किया था। 81 साल के हो चुके येदियुरप्पा ने कहा था कि वह इन आरोपों के मामले में कानूनी तरीके से लड़ेंगे। उन्होंने अदालत से प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया है। आपको ये भी बता दें कि येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप लगाने वाली 54 वर्षीय महिला की पिछले महीने मौत हो चुकी है।
कर्नाटक के गृह मंत्री ने भी दिया था बयान
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने गुरुवार को कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ सीआईडी ने पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस जारी किया है और अगर जरूरत पड़ी तो येदियुरप्पा को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। परमेश्वर ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। मैं यह नहीं कह सकता कि ये जरूरी है। इसका फैसला सीआईडी करेगी। अगर उन्हें जरूरत महसूस होती है तो वह ऐसा करेंगे। (इनपुट: भाषा)
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