केंद्र की एनडीए सरकार ने सोमवार को कहा कि अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की रिपोर्ट 2012 के अनुसार बिहार को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता है। बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश कुमार की जनता दल (यू) को केंद्र सरकार के इस फैसले से बड़ा झटका लगा है, जो कि एनडीए में भाजपा की एक प्रमुख सहयोगी पार्टी है। बता दें कि जदयू काफी लंबे अरसे से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है। अब इस मुद्दे पर सियासत चरम पर है। जहां बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने जदयू पर तंज कसा है तो वहीं भाजपा ने भी अपनी बात रखी है। जदयू का कहना है कि हम अपनी मांग पर कायम रहेंगे।
विशेष राज्य का दर्जा नहीं, गरमाई सियासत
केंद्र ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की किसी भी योजना को खारिज कर दिया है, जो उसके प्रमुख सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) की मुख्य मांग है, जिसके बाद राष्ट्रीय जनता दल ने जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया है। बिहार के झंझारपुर से जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने वित्त मंत्रालय से पूछा था कि क्या सरकार के पास आर्थिक विकास और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए बिहार और अन्य सबसे पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा देने की कोई योजना है। एक लिखित जवाब में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, "बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा का मामला नहीं बनता है।"
लालू ने नीतीश से मांगा इस्तीफा
अब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर दी है। सोशल मीडिया एक्स पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बयान जारी कर कहा कि 'नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने बड़ी निर्लज्जता से बिहार को 'विशेष राज्य' पर झुनझुना पकड़ा दिया! विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो विशेष पैकेज के नाम पर ही बिहार को कुछ भी दे दें! जदयू यह कहकर हुई भाजपा के सामने नतमस्तक। नीतीश कुमार तुरंत इस्तीफा दें, बोला था विशेष राज्य का दर्जा दिला देंगे पर केंद्र ने मना कर दिया!।'
अपने दूसरे ट्वीट में आरजेडी ने कहा कि 'बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा!- संसद में मोदी सरकार। नीतीश कुमार और JDU वाले अब आराम से केंद्र में सत्ता का रसास्वादन करते हुए 'विशेष राज्य के दर्जे' पर ढोंग की राजनीति करते रहें!'
केसी त्यागी ने कही ये बड़ी बात
बिहार के विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा, आज वित्त मंत्री ने लिखित प्रश्न का जो जवाब दिया है उससे पुरानी बात ही सामने दिखी है। बिहार में बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है और बेरोजगारी खत्म करने की जरूरत है। बिहार का हर व्यक्ति विशेष राज्य के दर्जे के पक्ष में है। हमारा संघर्ष पहले भी था, आगे भी रहेगा। सीएम नीतीश कुमार हर मंच से विशेष राज्य के दर्जे की बात करते हैं, आगे भी हमारा प्रयास जारी रहेगा।
तो वहीं, पप्पू यादव ने कहा है कि ये बिहार के लोगों के साथ धोखा है। एक बार फिर से नीतीश कुमार को केंद्र सरकार ने उनकी औकात दिखा दी है। पप्पू यादव ने कहा कि बिहार को अब विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए।
क्या कहा है केंद्र सरकार ने
झंझारपुर लोकसभा सांसद रामप्रीत मंडल को एक लिखित उत्तर में, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, "राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा अतीत में कुछ राज्यों को योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया था। कई विशेषताएं जिन पर विशेष विचार की आवश्यकता है, इन विशेषताओं में शामिल हैं (i) पहाड़ी और कठिन भूभाग, (ii) कम जनसंख्या घनत्व और/या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, (iii) पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, (iv) आर्थिक और ढांचागत पिछड़ापन और (v) राज्य वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति।"
मंत्री ने कहा, “यह निर्णय ऊपर सूचीबद्ध सभी कारकों और राज्य की विशिष्ट स्थिति के एकीकृत विचार के आधार पर लिया गया था। इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने विचार किया था, जिसने 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। आईएमजी ने निष्कर्ष निकाला कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर, विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला बिहार नहीं बना है।''
जदयू नेता ने कहा-नीतियों में संशोधन करें
जदयू नेता नीरज कुमार ने केंद्र सरकार के फैसले पर कहा कि जिन नीतियों के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता, उन नीतियों में अब संशोधन करना चाहिए। बिहार की जनता यह आस लगाए बैठी है और हमारे नेता नीतीश कुमार इसकी मांग लंबे समय से कर रहे हैं। केंद्र को बिहार की उन्नति के लिए सोचना चाहिए। लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही जेडीयू ने संसद सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान अपनी मांग दोहराई थी।
नीतीश और चंद्रबाबू नायडू ने की थी मांग
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत के आंकड़े 272 से कम है। यह जद (यू) और तेलुगु देशम पार्टी के समर्थन पर निर्भर है, जिनके कुल मिलाकर निचले सदन में 28 सदस्य हैं। जेडी (यू) के अलावा, चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी ने भी आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग की है, जिसे 2014 में विभाजित किया गया था और तेलंगाना का एक नया राज्य बनाया गया था। जनता दल (यूनाइटेड) ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बिहार की विशेष दर्जे की मांग को पूरा करने का उनका "वादा" याद दिलाया है।