Wednesday, December 11, 2024
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, मल्लिकार्जुन खरगे ने कही ये बात

लोकसभा और राज्यसभा में आज खूब हंगामा देखने को मिला। इस दौरान राज्यसभा के अध्यक्ष व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इसे लेकर अब मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान दिया है।

Reported By : Shoaib Raza Edited By : Avinash Rai Published : Dec 11, 2024 16:05 IST, Updated : Dec 11, 2024 16:05 IST
No-confidence motion against Vice President Jagdeep Dhankhar Mallikarjun Kharge said this- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

राज्यसभा में विपक्ष द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है। इसे लेकर आज कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'बहुत पीड़ा दुख के साथ कुछ तथ्यों को रखने आये हैं। भारत का उपराष्ट्रपति पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। राधाकृष्णन, शंकर दयाल शर्मा, हिदायतुल्लाह, के आर नारायणन जैसे महान लोग इस पद पर बैठ चुके हैं। 1952 से आजतक कभी किसी उपराष्ट्रपति कर खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया, क्योंकि वे लोग नियम और दलगत राजनीति से ऊपर सदन को चलाते रहे हैं। आज नियम को छोड़कर, राजनीति ज्यादा हो रही है।'

मल्लिकार्जुन खरगे ने साधा निशाना

उन्होंने कहा,  'सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि वो किसी पार्टी से नहीं हैं, यानी सदन में वो सभी पार्टी से हैं। हमें अफसोस है आजादी के 75वें वर्ष में उपसभापति के पूर्वाग्रह, उनका आचरण उनके पद की गरिमा के विपरीत रहा है। कभी सरकार के पक्ष में तारीफ के कसीदे पढ़ने लगते हैं, कभी आरएसएस को एकलव्य बताते हैं। दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी करते हैं। राज्यसभा के सभापति स्कूल के प्रिंसिपल की तरह व्यवहार करते हैं। विपक्षी सदस्यों को 5 मिनट का समय देते हैं लेकिन खुद 10 मिनट का भाषण देते हैं।'

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर विपक्ष ने उठाए सवाल

मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि संसद में नियमों के तहत जो भी विषय विपक्ष के सदस्य उठाते हैं, उस पर जानबूझकर बहस नहीं होने देते। उपराष्ट्रपति अपने अगले प्रमोशन के लिए सरकार की तरफदारी करते हैं। चेयरमैन के लिए ये कहावत है कि बाड़ ही खेत को खा रही है। सदन न चलने का सबसे बड़ा कारण चेयरमैन हैं। जब भी विपक्ष सरकार से सवाल पूछता है तो सरकार के जवाब से पहले ही चेयरमैन सरकार की ढाल बन जाते हैं। चेयरमैन के आचरण ने देश की गरिमा को बहुत नुकसान किया है। उनसे कोई निजी लड़ाई नहीं है, बहुत सोच विचार और मंथन करके मजबूरी में हमने ये कदम उठाया है। संसद के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेस करके विपक्ष ने राज्यसभा अध्यक्ष पर बड़े आरोप लगाए हैं।

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