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RBI ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, कांग्रेस बोली- इसका मतलब है कि...

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज ऐलान किया है कि उसने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। RBI के इस फैसले पर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इसका मतलब है कि मुद्रास्फीति पर चिंताएं गंभीर हैं।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: October 06, 2023 12:11 IST
jairam ramesh- India TV Hindi
Image Source : PTI कांग्रेस नेता जयराम रमेश

कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किए जाने के बाद शुक्रवार को दावा किया कि यह इस बात का संकेत है कि करोड़ों परिवार कमरतोड़ महंगाई के चलते बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। बता दें कि रिजर्व बैंक ने केंद्रीय बैंक नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा है। आरबीआई के इसी फैसले को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करके केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

"मुद्रास्फीति पर चिंताएं गंभीर हैं"

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, "आरबीआई ने रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी है। इसका सीधा मतलब यह है कि मुद्रास्फीति पर चिंताएं गंभीर बनी हुई हैं। 47 महीनों से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आरबीआई के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से काफी ऊपर बना हुआ है। अगस्त 2023 में सीपीआई 6.83 प्रतिशत थी।" उन्होंने कहा, "यह निश्चित रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बेरोकटोक वृद्धि के कारण करोड़ों परिवारों को होने वाली वास्तविक कठिनाइयों से पर्दा उठाता है।"

मुद्रास्फीति के आंकड़े पर क्या बोले RBI गवर्नर? 
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने वैश्विक खाद्य और ईंधन की कीमतों के किसी भी झटके से घरेलू अर्थव्यवस्था के बचाव के लिए कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है। हालांकि, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि सितंबर का खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा अगस्त और जुलाई से कम रहेगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 2023-24 की पहली तिमाही में घटकर 4.6 प्रतिशत रह गई है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.3 प्रतिशत थी। दास ने कहा, ‘‘जुलाई और अगस्त के असाधारण उच्चस्तर की तुलना में सितंबर में महंगाई दर का आंकड़ा नीचे आएगा क्योंकि खाद्य पदार्थों की कीमतों का प्रभाव अब कम हो रहा है।’’

(इनपुट- PTI)

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