Highlights
- नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है
- प्रशांत किशोर से मेरा रिश्ता आज से ही है? मेरा रिश्ता तो काफी पुराना है- नीतीश कुमार
- प्रशांत किशोर की जदयू में एक बार फिर से प्रशांत किशोर की वापसी होगी?
Nitish Kumar Prashant Kishor Meeting: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यहां मुलाकात की, जिससे किशोर के फिर से जदयू में आने को लेकर अटकलें शुरू हो गईं। किशोर को 2020 में जदयू से बाहर कर दिया गया था। हालांकि कुमार ने इस बैठक को यह कहते हुए अधिक महत्व नहीं दिया कि उनके संबंध पुराने हैं और इस बैठक के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों दिल्ली में है। हालांकि, नीतीश कुमार का ये दिल्ली दौरा आधिकारिक नहीं है। वह एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे। इसी बीच प्रशांत किशोर से उनकी मुलाकात भी हो गई। नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बिहार की सियासत में कई तरह के सवाल फिलहाल तैरने शुरू हो गए हैं। नीतीश कुमार ने इस मुलाकात की पुष्टि की। मुलाकात को लेकर जब नीतीश कुमार से सवाल हुए तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि क्या प्रशांत किशोर से मेरा रिश्ता आज से ही है? मेरा रिश्ता तो काफी पुराना है। बैठक के पीछे कोई विशेष अर्थ ना निकालें।
नीतीश कुमार से यह भी पूछा गया कि क्या प्रशांत किशोर की जदयू में एक बार फिर से वापसी होगी? नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कह दिया कि यह रिश्ता आज का नहीं है। हालांकि इस मुलाकात के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक लिहाज से देखें तो नीतीश कुमार की प्रशांत किशोर से यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर किसी नए सियासी समीकरण को गढ़ने की कोशिश कर सकते हैं जिसमें नीतीश कुमार की बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका रह सकती है।
बता दें कि, किसी समय कुमार के करीबी रहे किशोर जदयू में शामिल हो गए थे और बिहार के मुख्यमंत्री ने उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, उनके संबंधों में खटास आ गई और किशोर ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर सहयोगी भाजपा को कुमार के समर्थन की आलोचना की थी और अक्सर उन पर निशाना साधा था। उसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। जहां एक ओर कुमार भाजपा के सहयोगी बने हुए हैं, किशोर पार्टी के एक मुखर आलोचक हैं और कई राज्यों में उसके प्रतिद्वंद्वियों के लिए काम किया है। किशोर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ काम किया था।