Highlights
- फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- अब्दुल्ला ने कहा कि एक लोकप्रिय प्रतिनिधि सरकार ही लोगों के दिलों में विश्वास पैदा करने की चुनौती का सामना करेगी।
- लोग अपने लोकतांत्रिक, संवैधानिक अधिकारों के लिए तरस रहे हैं, जिन्हें 2019 से लगातार कम किया जा रहा है: अब्दुल्ला
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को जम्मू कश्मीर के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि लोगों की एकता ऐसी ताकतों की ‘नापाक साजिशों’ को कामयाब नहीं होने देगी। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के हरिनारा सिंहपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि मौजूदा शासन के सामान्य हालात, शांति और विकास के दावे जमीन पर ‘शायद ही’ दिखते हैं। उन्होंने कहा कि एक वास्तविक लोकप्रिय प्रतिनिधि सरकार ही लोगों के दिलों में विश्वास पैदा करने की चुनौती का सामना करेगी।
‘लोग अपने लोकतांत्रिक, संवैधानिक और मानवाधिकारों के लिए तरस रहे हैं’
अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने वाले वर्ष का हवाला देते हुए कहा, ‘लोग अपने लोकतांत्रिक, संवैधानिक और मानवाधिकारों के लिए तरस रहे हैं, जिन्हें 2019 से लगातार कम किया जा रहा है।’ जम्मू कश्मीर के लोगों को धार्मिक, क्षेत्रीय और सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही ‘विभाजनकारी ताकतों’ के खिलाफ लोगों को आगाह करते हुए श्रीनगर के सांसद ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग राष्ट्रीय स्तर पर ‘विभाजनकारी एजेंडा फैलाने वालों’ से और दूसरा स्थानीय स्तर पर, 2 मोर्चों की लड़ाई का सामना कर रहे हैं।
‘अगस्त 2019 के फैसलों से जोखिम भरा राजनीतिक खालीपन पैदा हुआ है’
अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों की पहचान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने हमेशा कहा कि एक दिन आएगा जब कश्मीर के हर गली और कोने में एक नेता होगा। फारूक ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों ने उनकी पूर्व चेतावनी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, ‘आज, हम कश्मीर के हर नुक्कड़ पर राजनीतिक दलों और नेताओं को पनपते हुए देखते हैं। अगस्त 2019 के फैसलों से जो जोखिम भरा राजनीतिक खालीपन पैदा हुआ है, उसे ऐसे ‘हवाई’ नेता नहीं भर सकते।’
‘सांप्रदायिक ताकतें अब हर मोहल्ले, गली और गांव में नेता बनाने के लिए तैयार हैं’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि एक वास्तविक लोकप्रिय प्रतिनिधि सरकार ही लोगों के दिलों में विश्वास पैदा करने की चुनौती का सामना करेगी। उन्होंने कहा कि अपनी ए और बी टीम की मदद से भी कश्मीर में घुसपैठ करने में विफल रहने के बावजूद ‘सांप्रदायिक ताकतें’ अब हर मोहल्ले, गली और गांव में नेता बनाने के लिए तैयार हैं। अब्दुल्ला ने कहा, ‘यह हमारे लिए चेतावनी का संकेत है। कश्मीर के लोगों को ऐसी ताकतों से सावधान रहना चाहिए जो हमारे समाज को क्षेत्रीय, धार्मिक, सांप्रदायिक और सांप्रदायिक आधार पर बांटना चाहते हैं।’ (भाषा)