नई दिल्ली: 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। जहां तमाम विपक्षी दल नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को मात देने के लिए एकजुट होने का सिलसिला शुरू कर चुके हैं वहीं एनडीए में भी एकजुटता की मुहिम शुरू हो गई है। इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली में 18 जुलाई को एनडीए की एक बड़ी बैठक होनेवाली है। एनडीए में शामिल तमाम दलों के अलावा अन्य दलों के भी इसमें शामिल होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में अकाली दल के सुखबीर बादल और टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू भी शामिल होंगे।
एनडीए का शक्ति प्रदर्शन!
विपक्षी दलों की ओर एकजुटता की कोशिशों के तहत पटना में हुई बैठक के बीच एनडीए भी अपने को बड़ा रूप देने की कोशिश कर रही है। एनडीए की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करने के लिए अब 18 जुलाई को एक बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इसके जरिये इस धारणा को दूर किया जाएगा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल और जनता दल (यूनाइटेड) जैसे इसके कुछ सबसे पुराने सहयोगियों के जाने से भगवा पार्टी के पास कोई बड़ा साझेदार नहीं है।
छोटे दलों को साथ लेने की कोशिश
केंद्रीय मंत्रिपरिषद में किसी भी तरह के संभावित फेरबदल में भाजपा की कोशिश उन सभी सहयोगियों को भी शामिल करने की है, जिन्हें हाल के दिनों में भाजपा का साथ मिला है। भाजपा बिहार में राजद-जद (यू) खेमे के छोटे दलों को जोड़ने के लिए मेहनत कर रही है ताकि राज्य में अपनी ताकत को मजबूत कर सके। बिहार के सत्ताधारी गठबंधन के पक्ष में एक मजबूत सामाजिक समीकरण भी है। (इनपुट-एजेंसी)