Sunday, December 22, 2024
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राम मंदिर में पीएम मोदी द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा पर एनसीपी को आपत्ति, इनसे उद्घाटन करवाने की मांग

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इसमें पीएम मोदी भाग लेने वाले हैं। हालांकि, एनसीपी शरद पवार के गुट के नेता ने पीएम मोदी के नाम को लेकर आपत्ति जाहिर की है।

Reported By : Atul Singh Edited By : Subhash Kumar Published : Dec 29, 2023 16:09 IST, Updated : Dec 29, 2023 17:16 IST
पीएम मोदी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा पर आपत्ति।
Image Source : PTI पीएम मोदी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा पर आपत्ति।

नए साल के 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए पूरी अयोध्या में भव्य स्तर पर तैयारी हो रही है। बता दें कि पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं। हालांकि, अब शरद पवार की पार्टी ने पीएम मोदी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा करवाए जाने पर आपत्ति जाहिर कर दी है। NCP विधायक जितेंद्र आव्हाड ने इस मुद्दे पर कई तीखे बयान जारी किए हैं। 

राष्ट्रपति मुर्मू से प्राण प्रतिष्ठा करवाने की मांग

एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा-"राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पीएम मोदी से क्यों करवा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू किस दिन के लिए है, अगर bjp का इतना बड़ा दिल है तो मुर्मू से प्राण-प्रतिष्ठा कराए। वो बार-बार बोलते है दलित महिला को राष्ट्रपति बनाया, तो किस दिन के लिए वो हैं? संसद की नई इमारत के उटघाटन पर नही बुलाया, कोई भी बड़ा इवेंट हो तो पीएम मोदी के ही हाथों से क्यों? यह मेरा सवाल है।"

वीएचपी और बीजेपी निमंत्रण देने वाले कौन?

जितेंद्र आव्हाड ने भड़कते हुए कहा कि "वीएचपी और बीजेपी कौन होते है राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण देने वाले। भगवान राम क्या इनकी प्रॉपर्टी है, वो तय करेंगे कि शरद पवार या दूसरे नेताओं को वो निमंत्रण देंगे, तब ही सब जाएंगे, इन्होंने राम को गोंद लिया है क्या? जब-जब चुनाव आता है तब-तब भाजपा को राम मंदिर की याद आती है। राम भी इनके लिए जुमला और पॉलिटिकल स्टंटबाजी है।

पहले संविधान फिर राम मंदिर 

जितेंद्र आव्हाड ने भाजपा पर भड़कते हुए ये तक कह दिया कि ऐसे ही सोचवाले थे जिन्होंने छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक रोका था, बाबासाहेब अंबेडकर को मंदिर से निकाला था। यह अब भी वर्ण में मतभेद करते है। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव से ठीक 3 महीने पहले ही राम मंदिर के उटघाटन का समय क्यों दिया गया। हमारे दिल मे राम बसते हैं, मैं दिन में दो-दो बार मंदिर जाता हूं। हमारे लिए देश का संविधान सर्वोपरि है। हम पहले संविधान जो बाबासाहेब अंबेडकर ने बनाया उसे माथे लगाएंगे फिर अयोध्या में राम मंदिर जाएंगे।

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