भारत ने शनिवार को घोषणा की कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित उसके पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के सात देशों के नेता नौ जून को प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में हसीना और अफीफ के अलावा समारोह में भाग लेने वाले अन्य नेताओं में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे शामिल हैं। उसने कहा, “नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ रात्रिभोज में शामिल होंगे मेहमान
भारत, ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की व्यापक नीति रूपरेखा के अंतर्गत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “लोकसभा चुनाव 2024 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह नौ जून 2024 को निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।” इसने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के अलावा सभी नेता राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह रविवार को शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा। शनिवार को हसीना के दिल्ली पहुंचने के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमारे सबसे मूल्यवान साझेदारों में से एक की यह यात्रा भारत-बांग्लादेश के बीच मित्रता के घनिष्ठ और गहरे संबंधों को और मजबूत करेगी।” जायसवाल ने अफीफ की भारत यात्रा का भी स्वागत किया।
मालदीव का भी निकलेगा समाधान
उन्होंने कहा, “यह यात्रा भारत-सेशेल्स द्विपक्षीय संबंधों को और गति प्रदान करेगी।” शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नयी दिल्ली द्वारा मुइज्जू को दिया गया निमंत्रण भी भारत और मालदीव के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। चीन का समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पिछले वर्ष नवंबर से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद वहां तैनात भारतीय सेना के जवानों को अपने देश वापस जाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इस महीने की शुरुआत में भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह आम नागरिकों को सुरक्षा में तैनात किया गया था। क्षेत्रीय समूह दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जब उन्होंने भाजपा की भारी चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। मोदी जब 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेताओं ने भाग लिया था।
(इनपुट-भाषा)