अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब कुछ लोग कहते थे 'राम मंदिर बन जाएगा तो आग लग जाएगी'। ऐसे लोग भारत की सामाजिक भावना की पवित्रता को नहीं समझ सकते। इस मंदिर का निर्माण रामलला भारतीय समाज की शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय के भी प्रतीक हैं। हम देख रहे हैं कि यह निर्माण किसी अग्नि को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।
राम मंदिर राष्ट्र चेतना का मंदिर है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। यह मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है।
राम भारत का आधार हैं- पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं। राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं। राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन है। राम भारत की प्रतिष्ठा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु श्रीराम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से बना।
कालचक्र बदल रहा है- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजार वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्रनिर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी। इसलिए मैं कहता हूं - यही समय है, सही समय है।