मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद आलमगीर आलम ने झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है, उनके बेटे तनवीर आलम ने ये जानकारी दी है। तनवीर आलम के मुताबिक, उनके पिता ने 8 जून (शनिवार) को इस्तीफा दे दिया था और उसी दिन उनका इस्तीफा पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया था। यह पत्र सोमवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के कार्यालय पहुंच गया है। झारखंड कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने भी इस बात की पुष्टि की है और बताया है कि आलमगीर आलम ने सीएलपी नेता और कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। 70 वर्षीय नेता पाकुड़ विधानसभा सीट से विधायक हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई कार्रवाई
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 मई को आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था। यह तब हुआ जब एजेंसी ने 6 मई को आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम के अपार्टमेंट पर छापा मारा था और 37 करोड़ रुपये से अधिक का कैश बरामद किया था। छापेमारी के बाद आलम और लाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
ईडी की छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में हुई थी, जिन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। यह विभाग में कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ मामला था।
सीएम चंपई सोरेन ने संभाला था विभाग
कुछ दिन पहले, चंपई सोरेन ने चार विभागों - संसदीय मामले, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य और पंचायती राज - को अपने कब्जे में ले लिया था, जो उनकी गिरफ्तारी से पहले आलमगीर आलम के पास थे। आलमगीर आलम के निजी सचिल संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम के घर से मिले नोटों के पहाड़ की खबर जब सामने आई तो सभी सकते में आ गए थे और इसकी काफी चर्चा हुई थी।