अयोध्या में भव्य राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा भागवत ने कहा कि भगवान राम 14 वर्ष बाहर रहकर बाहर के कलह मिटाकर अयोध्या वापस आये थे। अब दोबारा राम जी अपने घर वापस आये हैं। अब हमें आपसी कलह को मिटाकर आगे बढ़ना होगा। अयोध्या में कोई कलह नहीं है। छोटे-छोटे विवादों को पीछे छोड़ना पड़ेगा। हमें अपने को संयम में रखना होगा।
आनंद का वर्णन शब्दों में नहीं हो सकता: भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि 500 वर्षों तक अनेक पीढ़ियों ने लगकर, परिश्रम करके बलिदान देकर खून पसीना बहाने के बाद आज ये आनंद का दिन सारे राष्ट्र को उपलब्ध करा दिया उन सबके लिए हमारे मन में कृतज्ञता है। आज रामलला के साथ भारत का स्व:लौट आया है। आज के आनंद का वर्णन शब्दों में नहीं हो सकता है।
धर्म के लिए हुआ था राम का अवतारः भागवत
आरएसएस प्रमुख ने कहा जिस धर्म स्थापना विश्व में करने के लिए श्री राम का अवतार हुआ था। उस धर्म स्थापना को अपने आचरण से अपने देश मे उत्पन्न करना ये अपना कर्तव्य बनता है। राम राज्य के नागरिक कैसे थे ? वे निरदम्भ , प्रामाणिकता से व्यवहार करने वाले, धर्मरथ थे। श्रीमद भागवत में धर्म के चार मूल्य बताए गए हैं - सत्य, करुणा, शुचिता, तपस। इसका आज युगनुकूल आचरण हो।
पीएम मोदी की तारीफ की
भागवत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आने से पहले कठोर तप रखा। जितना कठोर तप रखा जाना चाहिए था, उससे ज्यादा कठिन तप रखा। मेरा उनसे पुराना परिचय है। मैं जानता हूं, वे तपस्वी हैं ही। प्रधानमंत्री ने तप किया, अब हमें भी तप करना है।
रामराज्य पर कही ये बातें