प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी वी. के. पांडियन ने राज्य में भाजपा के स्टार प्रचारकों को ‘‘राजनीतिक पर्यटक’’ बताया और कहा कि वे ओडिशा की राजधानी का नाम तक नहीं बता सकते। 49 वर्षीय पांडियन ने यह भी विश्वास जताया कि पटनायक लगातार छठी बार सत्ता में लौटेंगे और उन्होंने पटनायक के शपथ लेने की तारीख और समय तक की भी घोषणा कर दी। पटनायक का दायां हाथ माने जाने वाले पांडियन ने सोमवार रात एक इंटरव्यू में दावा किया कि बीजू जनता दल (बीजद) ‘‘चुनावों में बड़ी सफलता हासिल कर रहा है’’ और उसे 147 सदस्यीय विधानसभा में तीन-चौथाई बहुमत मिलेगा।
'हमने शपथ ग्रहण का समय भी तय कर दिया है'
ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कराए जा रहे हैं। पटनायक ने दो सीटों गंजाम जिले की हिंजिली और बोलांगिर जिले की कांटाबांजी से चुनाव लड़ा है जहां सोमवार को मतदान हुआ। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी पांडियन वर्षों से पटनायक के विश्वासपात्र रहे हैं और अब स्टार राजनीतिक प्रचारक हैं। उन्होंने कहा कि उनके बॉस ‘‘दोनों सीटों पर भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने शपथ ग्रहण का समय भी तय कर दिया है। नौ जून को सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच माननीय मुख्यमंत्री शपथ लेंगे।’’
'इस बार उम्मीद है कि PM मोदी कुछ उपहार लेकर आएंगे'
पांडियन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘पीटीआई’ के साथ इंटरव्यू में दिए गए उस बयान को खारिज कर दिया कि 77 वर्षीय पटनायक के खिलाफ सत्ता विरोधी प्रचंड लहर है और बीजद के लिए इन चुनावों में अस्तित्व बचाना तक मुश्किल हो जाएगा। पांडियन ने कहा, ‘‘मोदी ने 2019 में भी यही बात कही थी लेकिन पटनायक ने प्रधानमंत्री को उनके शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह माननीय प्रधानमंत्री को शपथ ग्रहण के लिए फिर से आमंत्रित करेंगे। इस बार हमें उम्मीद है कि वह कुछ उपहार लेकर आएंगे।’’ उन्होंने कहा कि ओडिशा के लोगों को जिन उपहार की जरूरत है, उनमें राज्य को विशेष दर्जा देने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और कोयला खनन पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य को उच्च राजस्व देने की लंबे समय से की जा रही मांग शामिल है।
पीएम मोदी ने नवीन पटनायक को दी थी चुनौती
लोकसभा चुनाव पर पांडियन ने कहा कि बीजद 2019 के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगी, जब उसने राज्य में 21 में से 12 सीटें जीती थीं जबकि भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने एक सीट जीती थी। राज्य में सत्ता में आने की उम्मीद से भाजपा ने मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान और कई भाजपा मुख्यमंत्रियों समेत अपने बड़े नेताओं को प्रचार अभियान में लगाया है। हाल में एक रैली में मोदी ने पटनायक को राज्य के जिलों की ‘‘राजधानियों’’ का नाम बताने की चुनौती दी थी जो यह दिखाने का प्रयास था कि बढ़ती उम्र के साथ पटनायक का लोगों से संपर्क टूट गया है। पांडियन ने कहा, ‘‘ओडिशा के लोग उन्हें राजनीतिक पर्यटक के तौर पर देखते हैं। वे ओडिशा का सिर-पैर कुछ भी नहीं जानते। अगर आप उनसे पूछेंगे कि ओडिशा की राजधानी क्या है तो उनमें से कई बता नहीं पाएंगे।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)
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