जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि गंभीर मुद्दों से बचने के मामले में वह (मोदी) चीते से भी तेज हैं। राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर आये ओवैसी ने ज्ञानवापी मामले में अदालती फैसले को पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के खिलाफ करार देते हुए कहा कि यह भविष्य में बहुत से ऐसे मसलों को खोल देगा। इसके साथ ही उन्होंने मदरसों का सर्वेक्षण करने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम की भी आलोचना की।
ओवैसी ने मोदी को लेकर चीते वाली टिप्पणी 'हल्के फुल्के' अंदाज में तब की जब उनसे नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन, 17 सितंबर पर कूना राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ने की खबरों के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा, ‘मोदी जी बेरोजगारी की बात होने पर तेज भागने में चीते को भी पीछे छोड़ देते हैं। मोदी जी से पूछेंगे कि चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर गया तो मोदी जी चीते से ज्यादा तेज चले जाएंगे लेकिन चीन नहीं बोलेंगे। मोदी जी से बोलेंगे कि पेट्रोल डीजल इतना महंगा हो गया तो वह (तेजी में) चीते को भी मात देंगे। उनकी तेजी इन मामलों में बड़ी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनसे कह रहे हैं कि थोड़ा रुकिए...आराम से चलिए और देश को बताइए कि आप कह रहे हैं कि चीन पीछे हट रहा है बताइए कहां हट रहा है। (वह) इस पर बात ही नहीं कहते है।’ इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि ये चीते यहां जिंदा रहेंगे। ओवैसी ने ज्ञानवापी मामले में अदालती फैसले को पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के खिलाफ एक झटका करार देते हुए बुधवार को यहां कहा कि फैसला भविष्य में बहुत से ऐसे मसलों को खोल देगा। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी जिला अदालत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, 'हमारा मानना यह है कि वह फैसला गलत है। वो फैसला एक झटका है। वह फैसला पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के खिलाफ जाता है। वह फैसला भविष्य में बहुत से ऐसे मसलों को खोल देगा। वह फैसला भारत में अस्थिरकारी कारक पैदा कर सकता है यह मेरी आशंका है।'
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह देवी-देवताओं की दैनिक पूजा के अधिकार के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। ओवैसी ने कहा,' हम उम्मीद करते हैं कि इंतेजामिया समिति इस पर अपील करेगी और उन्होंने कहा भी है कि हम अपील करेंगे। उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे के सवाल पर उन्होंने कहा,' सर्वे सिर्फ बिना अनुदान वाले मदरसों का क्यों हो रहा है । सर्वे संघ संचालित स्कूलों व मिशनरी स्कूलों, निजी व सरकारी स्कूलों का क्यों नहीं हो रहा? … सिर्फ एक समुदाय के 'गैर सहायता प्राप्त' मदरसों का सर्वे करना, मेरी नजर में लक्षित सर्वे है और इसके जरिए बाद में इनको तंग किया जाएगा। इसलिए मैंने कहा कि यह छोटा एनआरसी है। अगर आप वाकई सर्वे करवाना चाहते हैं तो सभी संस्थानों का सर्वे करवाइए।'
हिजाब के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि हिजाब मुसलमानों के लिए जरूरी धार्मिक प्रथा है। यह हमारा सांस्कृतिक अधिकार है। अगर सरकारी स्कूल अन्य धार्मिक प्रतीकों की अनुमति दे रहे हैं तो इसकी अनुमति क्यों नहीं दी जा रही।’ ओवैसी ने कहा, ‘अगर कोई महिला (हिजाब) पहन रही है तो वह अपने सर पर पहन रही है न कि अपने दिमाग पर। अगर कोई लड़की हिजाब पहनना चाहती है तो आप उसे क्यों रोकना चाहते हैं।’ ओवैसी दो दिन के दौरे पर बुधवार को यहां पहुंचे। उन्होंने जयपुर के कुछ इलाकों में जनसंपर्क किया। उनका राज्य के शेखावाटी इलाके में जनसंपर्क व सभाएं करने का कार्यक्रम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी।