महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने विधान सभा में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा कर जवाब देते हुए कहा है कि मराठा समुदाय को कानूनी आरक्षण दिया जाएगा और इसके लिए किसी और का आरक्षण प्रभावित नहीं होगा। मुख्यमंत्री शिंदे ने आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों से अपील की है कि वे उनकी सरकार पर भरोसा रखें। सीएम शिंदे ने इसके साथ ही कई और बड़ी जानकारी सामने रखी है।
इस महीने बुलाया जाएगा विशेष सत्र
विधानसभा में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आगामी माह में सरकार को मिल जाएगी। इसके बाद आगामी फरवरी माह में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर मराठा समुदाय को कानूनी आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इसके लिए किसी और का आरक्षण प्रभावित नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को नया इम्पेरिकल डेटा तैयार करने के लिए कहा है और उन्हें पर्याप्त जनशक्ति, कार्यालय और 360 करोड़ की धनराशि प्रदान की है।
सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण पर राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। अगर इस याचिका पर खुली सुनवाई की इजाजत मिलती है तो सरकार कोर्ट को और जानकारी सौपेंगी। एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि पिछली महाविकास अघाड़ी सरकार ने मराठा आरक्षण याचिकाओं और अदालती कार्यवाही को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि अगर उस वक्त पूरी जानकारी और ब्यौरा कोर्ट के सामने रखा गया होता तो नतीजा कुछ और होता।
विपक्ष ने किया वॉकआउट
मराठा आरक्षण के मामले पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह से उदासीन है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल वक्त काटने का काम कर रही है। सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिरकार कैसे वह मराठाओं के साथ-साथ अन्य समाज को भी आरक्षण देगी।
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