नागपुर: विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने मौलाना सज्जाद नोमानी द्वारा महाविकास अघाडी (MVA) को 269 जगहों पर समर्थन देने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। परांडे ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'क्या एक मजहब विशेष के लोगों को यह निर्देश देना कि किस दल को वोट देना है, कानून के दृष्टिकोण से उचित है?' उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के खिलाफ बताते हुए हिंदू समाज से सचेत रहने का आह्वान किया। साथ ही राहुल गांधी के संविधान को लेकर दी गई दलीलों पर परांडे ने कहा कि इमरजेंसी लाकर हजारों लोगों को कष्ट देने वाले दल को संविधान पर बोलने का अधिकार नहीं है।
हिंदू समाज को किया सचेत
परांडे ने कहा कि ऐसे प्रयासों को हिंदू समाज के लिए गंभीर चुनौती मानते हुए उन्हें इससे अवगत कराया जाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 'लोकसभा चुनाव के दौरान धुले लोकसभा सीट पर जो हुआ, पूरे महाराष्ट्र में उसकी चर्चा हुई। 8-10 सीटों पर इस प्रकार चर्चा हुई थी। एक विधानसभा के मतदान ने पूरे मतदान प्रतिशत और नतीजे को बदल दिया। यह चिंता का विषय है।' परांडे ने RSS पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, 'जो लोग आरएसएस के प्रतिबंध की बात करते हैं, क्या वे सच में देशभक्त हैं? RSS पर प्रतिबंध के मुद्दे को उठाना बहुत गलत बात है?' उन्होंने कहा कि आरएसएस निरंतर देश की सेवा में लगा हुआ है।
'कांग्रेस को संविधान पर बोलने का अधिकार नहीं'
मिलिंद परांडे ने राहुल गांधी द्वारा चुनावी सभाओं में संविधान की किताब दिखाने को लेकर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, 'जिस पार्टी ने इमरजेंसी लाकर हजारों लोगों को जेल में डालने का काम किया, उसे संविधान पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।' परांडे ने नवाब मलिक के चुनाव लड़ने के बारे में भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 'जो भी व्यक्ति हिंदू हित के खिलाफ जाएगा, वह समाज के लिए ठीक नहीं है। हम किसी खास दल के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगर किसी ने उन्हें टिकट दिया है, तो वह उनकी सोच है।' उन्होंने कहा कि समाज को अब इस बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए कि किसे वोट दिया जाए और किसे नहीं।