बीते कई दिनों से हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद से ही कांग्रेस की 6 विधायक बागी हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ने इस सभी विधायकों को अयोग्य करार दिया है। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बागी विधायक सुधीर शर्मा पर कार्रवाई की है। खरगे ने तत्काल प्रभाव से सुधीर शर्मा को AICC सचिव के पद से हटा दिया है। अब इस मुद्दे पर सुधीर शर्मा ने भी अनोखा जवाब जारी किया है।
भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे...
AICC सचिव के पद से हटाए जाने के बाद हिमाचल कांग्रेस के बागी विधायक सुधीर शर्मा ने भी पार्टी पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने X पर कांग्रेस के ट्वीट को रिपोस्ट करते हुए लिखा- भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था। चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कछु नहीं चाहिए, वो ही शहंशाह। सुधीर शर्मा धर्मशाला के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री हैं। पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के कारण उन्हें हाल ही में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
तलवे चाटने की राजनीति नहीं की- सुधीर शर्मा
इससे पहले किए गए ट्वीट में भी सुधीर शर्मा ने पार्टी आलाकमान पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार को सत्ता में लाने के लिए हमने दिन-रात कितनी मेहनत की थी, इस बारे हाई कमान ने भले ही अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी हो लेकिन जनता से यह छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैनें कुर्सी पाने के लिए चापलूसी को अधिमान नहीं दिया। तलवे चाटने की राजनीति नहीं की बल्कि अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि मेरे लिए कुर्सी मायने नहीं रखती। मेरे लिए प्रदेश का स्वाभिमान मायने रखता है। मेरे लिए जनता का दुख दर्द मायने रखता है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बागी विधायक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान व्हिप का उल्लंघन करने पर स्पीकर ने छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य करार दिया था। अब इन 6 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इन कांग्रेसी विधायकों ने स्पीकर के अयोग्य करार देने के फैसले को चुनौती दी है। स्पीकर ने विधानसभा में बजट के दौरान अनुपस्थित रहने के आधार पर इन विधायकों को अयोग्य करार दिया था। विधायकों ने स्पीकर के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को गलत ठहराते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
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