राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के 'सच्ची स्वतंत्रता' वाले बयान की कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को निंदा की। उन्होंने कहा कि यदि वह इसी तरह का बयान देते रहे तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल आज कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय का उद्घाटन होने वाला है। इस मौके पर पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आरएसएस और भाजपा के लोगों को (1947 में मिली) आजादी याद नहीं है, क्योंकि उनके वैचारिक पूर्वजों का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने मोहन भागवत के बयान पर दी प्रतिक्रिया
बता दें कि मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली थी। खरगे ने भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि आजादी मिलने के बाद वह इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आरएसएस और भाजपा का उल्लेख करते हुए कहा, "(आजादी के लिे) वो कभी लड़े नहीं, कभी जेल नहीं गए, इसलिए उन्हें आजादी के बारे में कुछ याद नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे लोग लड़े थे, जान गंवाई थी, इसलिए हम आजादी को याद करते हैं।’’
मोहन भागवत के बयान पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
खरगे ने कहा, ‘‘भागवत के बयान की मैं निंदा करता हूं और वह अगर ऐसे ही बयान देते रहे तो हिंदुस्तान में उनका घूमना-फिरना बड़ा मुश्किल हो जाएगा।’’ वहीं राहुल गांधी ने कहा, "कल मोहन भागवत ने संविधान पर हमला किया जब उन्होंने कहा कि संविधान हमारी आजादी का प्रतीक नहीं है, लेकिन इसके बाद भी हमारे हजारों कार्यकर्ता मारे गए पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर और यह पार्टी (कांग्रेस) एक खास मूल्यों के लिए खड़ी रही है और हम उन मूल्यों को इस इमारत में देख सकते हैं। पश्चिमी दुनिया के विपरीत जो स्वयं से बाहर पर ध्यान केंद्रित करती है, भारतीय सोच का तरीका स्वयं को समझने के बारे में है। भारत में स्वयं के बारे में दो दृष्टिकोण हैं जो संघर्ष में हैं। एक हमारा विचार है, संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है।"
(इनपुट- भाषा)