संसद की सुरक्षा में हुई चूक मामले में अबतक विपक्षी दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। स्पीकर के बार-बार मना करने के बावजूद सदन में हंगामा देखने को मिल रहा है। इस बीच सांसदों के खिलाफ एक बार फिर कार्रवाई की गई है। सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ने 33 विपक्षी सांसदों को फिर से निलंबित कर दिया है। बता दें कि इससे पहले भी लोकसभा से 13 और राज्यसभा से 1 सांसद को निलंबित किया जा चुका है। इस हिसाब से निलंबित सांसदों की कुल संख्या 47 पहुंच गई है। इन सभी पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना का आरोप है।
सांसदों के निलंबन पर क्या बोले मल्लिकार्जुन खरगे?
बता दें कि इस मामले पर अब कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नाराजगी जताई है। मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा, 'सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है। हमारी दो सरल और वास्तविक मांगें हैं। पहला केंद्रीय गृह मंत्री को संसद की सुरक्षा में अक्षम्य उल्लंघन पर संसद के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए। दूसरा कि इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।'
खरगे ने जताई नाराजगी
उन्होंने आगे लिखा, 'किसी अखबार को प्रधानमंत्री इंटरव्यू दे सकते हैं। गृह मंत्री टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे सकते हैं। लेकिन, उनकी संसद के प्रति शून्य जवाबदेही बची है, जो भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। विपक्ष-रहित संसद के साथ, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है।' बता दें कि निलंबित सांसदों में अधीर रंजन चौधरी, डीएमके सांसद टीआर बालू और दयानिधि मारन और टीएमसी के सौगत रॉय भी शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले सदन की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित किया गया था।