Monday, November 25, 2024
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फिर भड़कीं महुआ मोइत्रा, बोलीं- BJP बंगालियों को न सिखाए कि मां काली की पूजा कैसे करनी चाहिए

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने यह बात तब कही, जब उनसे एक ऐसी फिल्म के बारे में पूछा गया जिसके पोस्टर में देवी काली को धूम्रपान करते हुए दर्शाया गया है और जिससे विवाद पैदा हो गया है।

Written By: Khushbu Rawal
Published on: July 08, 2022 15:53 IST
Mahua Moitra- India TV Hindi
Image Source : PTI Mahua Moitra

Highlights

  • भाजपा हिंदू देवी-देवताओं की संरक्षक नहीं है- मोइत्रा
  • मैंने एक परिपक्व नेता की तरह व्यवहार किया- मोइत्रा
  • 'भाजपा मुझे घेरना चाहती है क्योंकि मैं उसके कुकर्मों का कड़ा विरोध करती हूं'

Mahua Moitra: मां काली पर हाल में की गई विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निशाने पर आईं तृणमूल कांग्रेस की नेता और सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि भाजपा हिंदू देवी-देवताओं की संरक्षक नहीं है और उसे बंगालियों को नहीं सिखाना चाहिए कि मां काली की पूजा कैसे की जाती है। मोइत्रा ने कहा कि भाजपा उत्तर भारत में देवी-देवताओं की पूजा की विधियों पर आधारित अपने विचारों को देश के अन्य हिस्सों के उन लोगों पर नहीं थोप सकती, जो पिछले दो हजार वर्षों से प्रचलित विभिन्न अनुष्ठानों से पूजा करते हैं।

'मैंने एक परिपक्व नेता की तरह व्यवहार किया'

मोइत्रा ने बांग्ला भाषा के एक समाचार चैनल से बात करते हुए गुरुवार रात कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर बोलकर एक ‘‘परिवक्व नेता’’ की तरह व्यवहार किया, क्योंकि ‘‘हिंदुत्व के एजेंडे को लागू करने और अन्य जातीय समूहों पर अपने जड़ विचारों को थोपने’’ के भाजपा के प्रयास का विरोध किया जाना चाहिए और देश की खातिर इस मामले को उठाया जाना चाहिए। मोइत्रा ने मंगलवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि जिस तरह हर व्यक्ति को अपने तरीके से देवी-देवताओं की पूजा करने का अधिकार है, उसी तरह उन्हें देवी काली की मांस भक्षण करने एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है।

तृणमूल सांसद ने यह बात तब कही, जब उनसे एक ऐसी फिल्म के बारे में पूछा गया जिसके पोस्टर में देवी काली को धूम्रपान करते हुए दर्शाया गया है और जिससे विवाद पैदा हो गया है। मोइत्रा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैंने एक परिपक्व नेता की तरह व्यवहार किया। हम लंबे समय से इस मुद्दे को नजरअंदाज करते आ रहे हैं कि भाजपा उत्तर भारत की स्थापित प्रथाओं पर आधारित हिंदुत्व के अपने संस्करण को लागू कर रही है। पार्टी को देश में पश्चिम बंगाल जैसे उन अन्य हिस्सों के लोगों पर इसे थोपने से बचना चाहिए, जहां हिंदू सदियों से स्थापित अपने रीति-रिवाजों का पालन करते आ रहे हैं। भाजपा हमें यह सिखाने वाली कौन होती है कि देवी काली की पूजा किस विधि से करनी है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘न तो भगवान राम और न ही भगवान हनुमान केवल भाजपा के हैं। क्या पार्टी ने हिंदू धर्म का ठेका ले रखा है?’’

महुआ मोइत्रा ने बीजेपी को दी चुनौती
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि तृणमूल ने पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को किस प्रकार हराया था। मोइत्रा ने कहा, ‘‘यह बाहरी लोगों का दल है, जिसने हिंदुत्व की राजनीति को थोपने की कोशिश की, लेकिन मतदाताओं ने उसे नजरअंदाज कर दिया। भाजपा को हमें नहीं सिखाना चाहिए कि मां काली की पूजा कैसे करनी है। हम पिछले 2,000 साल से इसी प्रकार देवी की पूजा करते आ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा की निलंबित नेता नुपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान को लेकर मुश्किलों में घिरी भाजपा देवी काली के संबंध में उनके बयान को लेकर लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होगी। उनके बयान को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर मोइत्रा ने कहा, ‘‘जिन राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, मैं इन राज्यों की भाजपा सरकारों को चुनौती देती हूं कि वे देवी काली को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के बारे में अदालत को लिखित में एक हलफनामा दें।’’

'भाजपा मुझे घेरना चाहती है क्योंकि मैं उसके कुकर्मों का कड़ा विरोध करती हूं'
उन्होंने कहा, ‘‘क्या असम के मुख्यमंत्री अदालत को लिखित रूप में बता सकते हैं कि कामाख्या मंदिर में विराजमान देवी को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है? क्या अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों के मंदिरों में मां काली को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के बारे में ऐसा लिखकर दे सकते हैं? क्या इन मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में मदिरा शामिल नहीं होती? भाजपा मुझे घेरना चाहती है क्योंकि मैं उसके ‘कुकर्मों’ का कड़ा विरोध करती हूं, लेकिन मुझे पता है कि उसकी रणनीति काम नहीं करेगी।’’ तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने मां काली को लेकर मोइत्रा के बयान से स्वयं को अलग कर लिया है। इस बारे में पूछे जाने पर मोइत्रा ने कहा, ‘‘मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की वफादार सिपाही हूं। यदि कोई समस्या है, तो हम पार्टी के भीतर इसे सुलझा लेंगे। हम सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं करेंगे।’’

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