नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेश्चन मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की दिक्कतें बढती हुई नजर आ रही हैं। गुरूवार को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने आरोपों को लेकर एक कबूलनामा जारी किया। अब इसके बाद महुआ मोइत्रा ने भू जवाबी हमला बोला है। महुआ मोइत्रा ने करोबाई द्वारा जारी किए गए हलफनामे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह एक कागज का सफ़ेद टुकड़ा है ना कि किसी का लेटरहैड है।
सांसद ने कारोबारी के हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अभी तक सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी ने नहीं बुलाया। जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो यह हलफनामा किसे दिया गया। उन्होंने कहा कि हलफनामा एक सफ़ेद कागज पर है। उन्होंने कहा कि इस देश का एक पढ़ा-लिखा और सम्मानित कारोबारी ऐसे किसी सफ़ेद कागज पर हस्ताक्षर क्यों करेगा? जब तक उसके सिर पर किसी ने बंदूक ना रखी हो।
कोई व्यापारी पहली बार के सांसद को उपहार क्यों देगा?
महुआ मोइत्रा ने कहा कि जिस व्यापारी की सीधी पहुंच प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर तमाम मंत्रियों के कार्यालयों तक हो, वह किसी पहले बार के सांसद को उपहार और पैसे क्यों देगा? यह पूरी तरह से समझ के बाहर और तर्कहीन है। उन्होंने कहा कि यह हलफनामा पीएमओ की तरफ से तैयार कराया गया है ना कि दर्शन हीरानंदानी की तरफ से। महुआ ने कहा कि मैंने व्यापारी से किसी भी तरह के नकद और उपहार नहीं लिए हैं।
मैं चुप बैठने वाली नहीं हूं- महुआ
महुआ ने अपने इस पत्र में लिखा कि बीजेपी सरकार सरकार चाहती है कि मैं अपना मुंह बंद कर लूं और अडानी मुद्दे पर कोई सवाल ना करूं। इसी के लिए यह सब करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पत्र पीएमओ में काम कर रहे कुछ आधे-अधूरे लोगों के द्वारा करवाया जा रहा है, जो बीजेपी की आईटी सेल में भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसी तरह से अडानी मुद्दे पर सवाल उठाती रहूंगी, फिर चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत क्यों ही ना चुकानी पड़े।