तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था जिसे सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। महुआ के खिलाफ ये एक्शन कैश फोर क्वेरी यानी पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के केस में लिया गया है। विपक्षी दलों ने महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का जमकर विरोध किया है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी महुआ के समर्थन में बड़ी बात कही है।
क्या बोलीं ममता बनर्जी?
महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म पर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि ये बीजेपी की बदले की राजनीति है, उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की। ममता ने कहा कि यह अन्याय है और महुआ लड़ाई जीतेगी, जनता उन्हें न्याय देगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अगले चुनाव में हार जाएगी। ममता ने कहा- "मैं आपको बता रहा हूं कि महुआ मोइत्रा परिस्थितियों की शिकार है। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं, यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। ममता ने कहा कि हमारी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी।"
क्या बोले विपक्षी दल?
महुआ के खिलाफ हुए एक्शन पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह फैसला आधारहीन तथ्यों के आधार पर और बदले की भावना से किया गया है। शिवसेना यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आरोप लगाने वाले के बयान के आधार पर ये फैसला लिया गया। यह फैसला न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया के ख़िलाफ है।
महुआ क्या बोलीं?
सदस्यता रद्द होने के बाद महुआ मोइत्रा का बयान भी आ गया है। उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेट की रिपोर्ट में मेरी लोकसभा सदस्या को रद्द करने की सिफारिश के पीछे का कारण लॉगइन आईडी को शेयर करना बताया गया था, जबकि इस बाबत किसी प्रकार का कोई नियम नहीं है। महुआ मोइत्रा ने आगे कहा कि मोदी सरकार ये सोचती है कि मुझे चुप कराकर वो अडानी ग्रुप के मुद्दे से छुटकारा पा सकती है। मैं बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने जो किया उससे पूरे देश ने यह देखा कि आखिर अडानी ग्रुप का मुद्दा कितना अहम है।
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