Highlights
- अगले विधानसभा चुनावों पर शरद पवार ने जताई इच्छा
- "महा विकास आघाडी के घटकों को साथ लड़ना चाहिए"
- शरद पवार ने कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा है
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सरकार जाने के बाद NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। शरद पवार ने कहा कि उन्हें लगता है कि महा विकास आघाडी (MVA) के तीनों घटक दलों शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी को साल 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए। हालांकि, पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला पार्टी और गठबंधन में शामिल घटकों के साथ बातचीत करके ही लिया जाएगा। पवार ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि एमवीए के घटकों को आगामी चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए।
औरंगाबाद के दो दिवसीय दौरे पर आए शरद पवार जब मीडिया से बातचीत कर रहे थे तब उनसे पूछा गया कि क्या एमवीए को अगला विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए? तो पवार ने कहा, ‘‘मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि एमवीए के घटकों को आगामी चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए। लेकिन यह मेरी निजी राय है। मैं पहले इस मुद्दे पर अपने पार्टी नेताओें से चर्चा करूंगा और साझेदारों से भी बातचीत हो सकती है।’’
विधायकों की बगावत के कारणों पर बोले पवार
उल्लेखनीय है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत होने के बाद 29 जून को एमवीए सरकार गिर गई थी। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की जबकि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शिंदे को शिवसेना के 40 बागी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा बगावत के लिए दिए गए कारणों पर पवार ने कहा, ‘‘‘नाराज विधायकों ने कोई पुख्ता कारण नहीं बताया था। कई बार वे हिंदुत्व की बात करते और कई बार कोष की।’’ एनसीपी सुप्रीमो ने कहा, ‘‘शिवसेना के बागी विधायकों ने हिंदुत्व, एनसीपी और विकास कोष की कमी के कारण बताए गए लेकिन उनके फैसले के कारणों का कोई अर्थ नहीं है।’’ पवार ने कहा कि उन्हें औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर क्रमश: संभाजीनगर और धाराशिव रखने की कोई जानकारी नहीं थी।
गोवा कांग्रेस में मची खलबली पर क्या बोले NCP सुप्रीमो
गोवा में कुछ कांग्रेस विधायकों के पाला बदलकर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर पवार ने कहा कि कैसे कोई भूल सकता है जो कर्नाटक, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय है कि गोवा में ऐसा होने में समय लगेगा।’’ इस दौरान पवार ने यह पूर्वानुमान लगाने से इंकार कर दिया कि शिंदे सरकार कितने समय तक चलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘देखें सरकार कैसे फैसले लेती है।’’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के गुणों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि खराब सेहत की वजह से उनकी आवाजाही पर पाबंदी लगी। पवार से जब ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर की फडणवीस से मुलाकात की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं मानता कि उद्धव ठाकरे भाजपा के पास जाएंगे।’’
शिंदे कैबिनेट गठन में देरी पर कही ये बात
शिंदे नीत सरकार के मंत्रिमंडल बनने में देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इसकी वजह सोमवार को मामले पर उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई हो। उच्चतम न्यायालय विधानसभा में शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागियों को विधानसभा से निलंबित करने का अनुरोध किया है जिनको अयोग्य करार देने की अर्जी लंबित है। पवार ने मामले पर अदालत के फैसले को लेकर कयास लगाने से इंकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे न्यायपालिका पर विश्वास है। अदालत कल फैसला करेगी कि शिवसेना किसकी है।’’