महाराष्ट्र: राज्य की सियासत में मंगलवार को बयानबाजी का दौर जारी रहा तो वहीं बुधवार को अहम दिन साबित होने वाला है क्योंकि एनसीपी से बगावत करने वाले अजित पवार गुट और एनसीपी की शरद पवार गुट दोनों की अहम बैठकें होने वाली हैं। इस बीच एकनाथ शिंदे गूट के मंत्री दीपक केसरकर के बंगले रामटेक पर शिंदे गुट के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई है, जिसमे केसरकर, भारत गोगावाले, शंभुराजे देसाई, संजय शीरसाठ आदि नेता शामिल रहे। इस बैठक में एनसीपी से बगावत कर डिप्टी सीएम बने अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने का शिंदे गुट के विधायकों ने विरोध जताया।
सीएम शिंदे को अपनी ही पार्टी का विरोध सहना पड़ रहा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार और उनके आठ अन्य सहयोगियों को राज्य सरकार में शामिल करने के कुछ दिनों बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पोर्टफोलियो आवंटन पर अपनी ही पार्टी (शिवसेना) के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शिंदे की शिवसेना के विधायकों ने अजित पवार गुट को कुछ प्रमुख विभाग आवंटित किए जाने की उम्मीद जताई है और मुख्यमंत्री से वित्त विभाग के लिए अजित पवार की मांग को खारिज करने की भी मांग की है।
अजित गुट ने मांगे हैं महत्वपूर्ण विभाग
सूत्रों के मुताबिक एनसीपी मंत्रियों ने वित्त और योजना, बिजली, सिंचाई, सहयोग और विपणन जैसे विभागों पर जोर दिया है। इस मांग के पीछे तर्क यह दिया गया कि पार्टी (एनसीपी) के पास उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान समान विभाग थे। शिवसेना नेताओं ने एमवीए शासन के दौरान उनके साथ हुए अन्याय का हवाला देते हुए एनसीपी को वित्त मंत्रालय आवंटित करने का विरोध किया है, क्योंकि नेताओं ने दावा किया कि उन्हें पर्याप्त धन आवंटित नहीं किया गया था।
बता दें कि अजित पवार के अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर 2 जुलाई को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक बदलाव आया। अजित पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि आठ अन्य एनसीपी नेताओं ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
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