Highlights
- महाराष्ट्र की सरकार गिरती है तो विपक्ष में बैठूंगा: शरद पवार
- पवार ने कहा कि उद्धव सरकार को कोई खतरा नहीं है।
- उम्मीद है उद्धव अपनी पार्टी को संभाल लेंगे: शरद पवार
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के तेवरों से सूबे की सियासत में आए भूचाल के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) ने बड़ा बयान दिया है। पवार ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र सरकार गिरती है तो वह बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे और विपक्ष में बैठेंगे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया पवार का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ बड़ी संख्या में विधायक होने की बात कही जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray) पर खतरे की तलवार लटकी हुई है।
‘उद्धव सरकार को कोई खतरा नहीं है’
महाराष्ट्र की सियासत के पुराने खिलाड़ी शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उद्धव सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘उद्धव के नेतृत्व में सरकार चलती रहेगी। उद्धव बेहतर नेतृत्व दे रहे हैं और महाराष्ट्र में सरकार बदलने की कोई जरूरत नहीं है।’ एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि अगर सरकार गिरती भी है तो वह बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के गिरने की सूरत में वह विपक्ष में बैठेंगे। पवार ने कहा कि हालिया चुनवों में शिवसेना और कांग्रेस में क्रॉस-वोटिंग हुई है।
‘उम्मीद है उद्धव अपनी पार्टी संभाल लेंगे’
पवार ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उम्मीद है कि उद्धव अपनी पार्टी संभाल लेंगे। एनसीपी सुप्रीम के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे यही संदेश जा रहा है कि उद्धव का अपनी पार्टी पर नियंत्रण कमजोर हो चुका है। हालांकि पवार ने यह भी कहा कि ढाई साल में तीसरी बार सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है, लेकिन उद्धव की सरकार नहीं गिरेगी। शिंदे को नई जिम्मेदारी देने के मुद्दे पर पवार ने कहा कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है।
‘कोई नाराजगी नहीं है, हम बात करेंगे’
शरद पवार ने कहा कि चुनावों के दौरान हुए घटनाक्रम से कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि एक उम्मीदवार नहीं जीत पाया। पवार ने कहा, ‘मैं जाकर अपने साथियों से बात करूंगा। एक रास्ता निकाला जाएगा।’ बता दें कि महाराष्ट्र में हुए विधान परिषद चुनावों में बीजेपी ने महा विकास आघाड़ी गठबंधन को चौंकाते हुए 5 सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी के साथ संख्या बल न होते हुए भी उसके पांचवें उम्मीदवार की जीत होने से यही संदेश गया कि महा विकास आघाड़ी में फूट पड़ चुकी है। तभी से सूबे की सियासत में हलचल मची हुई है।