Highlights
- शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख
- याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग
- सभी मोर्चों पर हस्तक्षेप की मांग की गई
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र का सियासी संग्राम अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाई गई हैं। शिंदे गुट ने सभी मोर्चों पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अयोग्यता नोटिस, अविश्वास प्रस्ताव की अस्वीकृति और साथ ही विधायक दल के नेता की नियुक्ति पर याचिकाएं लगाई गई हैं। याचिका पर कल सोमवार को तत्काल सुनवाई की मांग की गई है।
विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग
शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से विधानसभा के उपसभापति को विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं, अजय चौधरी के विधायक दल का नेता बनाए जाने को भी चुनौती दी गई है। साथ ही याचिका में डिप्टी स्पीकर के खिलाफ शिंदे कैंप की ओर से भेजे गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने का भी जिक्र किया गया है। याचिका में मांग की गई है कि जब तक डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने के प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक कोर्ट डिप्टी स्पीकर को अयोग्यता के मुद्दे पर कोई और कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दे।
शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया था
बता दें कि शिवसेना ने विद्रोह करने और पार्टी के कुछ विधायकों के साथ सूरत चले जाने के कुछ घंटे बाद ही एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। शिंदे की जगह पर अजय चौधरी विधायक दल के नए नेता बनाए गए थे। विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने अजय चौधरी को सदन में शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी है।
डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया है
वहीं, डिप्टी स्पीकर ने शनिवार को शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था। सभी बागी विधायकों को 27 जून, शाम 5:30 बजे तक लिखित जवाब देने के लिए कहा गया है। जारी नोटिस के मुताबिक, अगर निर्धारित समय तक बागी विधायक जवाब नहीं देते हैं, तो मान लिया जाएगा कि इन्हें कोई आपत्ति नहीं है या डिप्टी स्पीकर की ओर से दिए जा रहे नोटिस पर इनके पास कोई सफाई नहीं है।