Highlights
- MVA सरकार को तीसरी बार गिराने की कोशिश - शरद पवार
- सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी - शरद पवार
- शिंदे मुंबई में नहीं हैं, लेकिन उनसे संपर्क हो गया है - संजय राउत
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में MLC चुनावों के बाद राजनीतिक तूफ़ान आया हुआ है। इस तूफ़ान की वजह से महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राज्य में घटित हालिया घटनाक्रमों के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाया है।
पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाराष्ट्र के लिए पर्यवेक्षक बनाया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन को करारा झटका लगने के एक दिन बाद पार्टी के एक नेता ने मंगलवार को कहा था कि शिंदे से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
हालांकि, शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बाद में बताया था कि शिंदे मुंबई में नहीं हैं, लेकिन उनसे संपर्क हो गया है। शिंदे सहित शिवसेना के कुछ विधायकों के सूरत के एक होटल में होने की खबर है, लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। शिवसेना तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ साथ कांग्रेस भी महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन एमवीए का हिस्सा है।
तीसरी बार हुई MVA सरकार गिराने की कोशिश - पवार
वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गिराने की तीसरी बार कोशिश की गई है, लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हालात संभाल लेंगे। MVA के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले पवार ने कहा कि सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और उन्होंने राज्य में सरकार गिरने की स्थिति में बीजेपी का साथ देने के विकल्प को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह दिन में बाद में ठाकरे से मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्षी दलों के एक संयुक्त उम्मीदवार के चयन को लेकर विपक्ष की बैठक में भाग लेने के तत्काल बाद मुंबई रवाना होंगे।