Highlights
- मारपीट के मामले में नितेश राणे की तलाश कर रही है पुलिस
- नितेश राणे को गिरफ्तार कर सकती है पुलिस
- केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के घर के बाहर लगाया नोटिस
महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके विधायक बेटे नितेश राणे को लेकर बीजेपी और महाविकास आघाडी में राजनीतिक जंग छिड़ी है। आदित्य ठाकरे पर की गई नितेश राणे की टिप्पणी को लगातार शिवसेना विधायक मुद्दा बना रहे हैं। अब पुलिस को नीतेश राणे की एक मारपीट के मामले में तलाश है। स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हिंसक हमले के मामले में नितेश राणे के गिरफ्तार होने की आशंका है।
नितेश राणे को अरेस्ट किए जाने की मांग करते हुए शिवसेना विधायकी की तरफ से पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज की गई है। उधर, नितेश ने सिंधुदुर्ग जिला सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई जारी है। इस मामले पर कल केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उनसे नितेश राणे के ठिकाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि मैं क्या बेवकूफ हूं जो उसके ठिकाने का खुलासा करूंगा।
नारायण राणे के इसी बयान को लेकर सिंधुदुर्ग की कणकवली पुलिस ने आज सुबह नोटिस देकर पुलिस थाने में पूछताछ के लिए हाजिर होने के आदेश दिए। नारायण राणे ने नोटिस स्वीकार नहीं किया तो उनके सिंधुदुर्ग स्थित ॐ गणेश नाम के बंगले पर पुलिस ने नोटिस चिपका दिया था। इसके बाद नितेश राणे के नौकर उस नोटिस को निकालकर अपने घर के अंदर ले गए थे।
पुलिस के नोटिस और पुलिस थाने में केंद्रीय मंत्री राणे को उपस्थित होने के आदेश पर बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है। नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि ये सरकार बलात्कारियों, चोर और लुटेरों को छोड़कर एक केंद्रीय मंत्री को नोटिस देकर पुलिस थाने बुलाती है, ये गलत है। बीजेपी नारायण राणे के पीछे पूरी ताकत से खड़ी है। बीजेपी नेता आशिष शेलार ने भी नारायण राणे को नोटिस देने पर राज्य में तालिबानी राज होने का आरोप लगाया है। वहीं, शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने इस मामले पर कहा है कि नारायण राणे केंद्रीय मंत्री हैं लिहाजा पुलिस को सहयोग करें और कानून का सम्मान करें।