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चाचा शरद या भतीजे अजित, NCP में किसके पास ज्यादा संख्याबल? सामने आ गए पूरे आंकड़े, यहां देखें

एनसीपी पर हक को लेकर शरद पवार गुट और अजित पवार गुट के बीच बयान जारी है। इस बीच अजित पवार गुट की ओर से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने इस बात का खुलासा किया है कि पार्टी के कितने विधायक अजित या शरद पवार के साथ हैं।

Reported By : Sameer Bhaudas Bhise Edited By : Subhash Kumar Published on: September 26, 2023 12:59 IST
Ajit and sharad Pawar- India TV Hindi
Image Source : PTI अजित पवार-शरद पवार।

महाराष्ट्र की राजनीति में बीते कुछ समय से उठापटक का दौर लगातार जारी है। एनसीपी में अजित पवार की बगावत के बाद से ही शरद व अजित गुट के नेता एक दूसरे के विरोध में बयानबाजी करते रहते हैं। बगावत के बाद अजित पवार गुट को शरद पवार के मुकाबले ज्यादा ताकतवर माना जा रहा था। अब अजित गुट के नेता प्रफुल पटेल ने उनके समर्थक विधायकों व विधानपरिषद के सदस्यों की संख्या का भी खुलासा कर दिया है।

अजित के समर्थन में संख्याबल

एनसीपी नेता अजित पवार गुट की ओर से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल पटेल ने बताया है कि अजित पवार के साथ पार्टी के 43 विधायक हैं। वहीं, शरद पवार के साथ पार्टी के 10 विधायक हैं। प्रफुल पटेल ने बताया है कि कुल 9 विधान परिषद सदस्यों में 6 ने अजित गुट को समर्थन दिया है। इसके साथ ही नागालैंड विधानसभा के 7 विधायक भी उनके साथ है।

चुनाव की प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ
प्रफुल पटेल ने कहा कि  पार्टी संविधान के मुताबिक पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए चुनाव की प्रक्रिया का कभी पालन नही किया गया। इसलिए पार्टी संगठन के तौर पर पदाधिकारियों की नियुक्ति की वैधता भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि नागालैंड में भाजपा को समर्थन देने के बाद से ही मार्च में एनडीए में शामिल होने का निर्णय शरद पवार ने लिया था। उस वक्त ही राष्ट्र्वादी कांग्रेस नागालैंड सरकार का हिस्सा बनने के साथ एनडीए का भी हिस्सा बनी थी। प्रफुल ने कहा कि महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार के नेतृत्व में राष्ट्र्वादी कांग्रेस एनडीए का हिस्सा बनी।

चुनाव आयोग पर फैसला
प्रफुल पटेल के मुताबिक सरकार में शामिल होने से पहले उन्होंने संविधान की 10वीं अनुसूची का अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट या उद्धव बालसाहेब ठाकरे गुट से हमारा मामला अलग है। इससे पहले बीड की सभा मे प्रफुल पटेल ने दावा किया था कि चुनाव आयोग की ओर से पार्टी का नाम और चिन्ह उन्हें ही मिलेगा। हालांकि, अब प्रफुल पटेल का कहना है कि इस संदर्भ में फैसला चुनाव आयोग को करना है। उन्होंने सभी कागजात चुनाव आयोग के सामने रख दिये हैं। 

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