Highlights
- विनोद अग्रवाल के कार्यालय में तोड़फोड़
- शिंदे गुट को समर्थन देने का किया है ऐलान
- सीसीटीवी कैमरों में कैद हुए हमलावर
Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर कई दिनों से जारी है। इस बीच, बागी नेताओं को शिवसेना कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने आज सोमवार को गोंदिया के निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल के कार्यालय में तोड़फोड़ की। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि शिवसेना कार्यकर्ता लाठी-डंडों के साथ पहुंचे थे और निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल के दफ्तर में तोड़फोड़ की।
बता दें कि विनोद अग्रवाल ने एकनाथ शिंदे गुट और बीजेपी को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इसे लेकर गुस्साए शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उनके ऑफिस में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया है। हमलावर आरोपियों के चेहरे विधायक के कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुके हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
इससे पहले पुणे में शनिवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कटराज में बागी तानाजी सावंत के दफ्तर पर हमला किया था। वहीं, ठाणे के उल्हासनगर में कल्याण के लोकसभा सांसद और बागी नेता एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे के कार्यालय पर पथराव करने के आरोप में शिवसेना के सात समर्थकों को शनिवार को हिरासत में लिया गया।एक दूसरे के आमने-सामने आए बागी गुट के समर्थक-शिवसेना कार्यकर्ता
वहीं, गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में डेरा डाले महाराष्ट्र के असंतुष्ट मंत्री राजेंद्र पाटिल-यड्रावकर और शिवसेना के कुछ कार्यकर्ता आज कोल्हापुर जिले में एक दूसरे के आमने-सामने आ गए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, पुलिस ने दोनों समूहों को एक दूसरे से अलग रखने की कोशिश की, ताकि किसी तरह की झड़प नहीं हो।
कोल्हापुर के शिरोल से निर्दलीय विधायक यड्रावकर के समर्थक जयसिंहपुर कस्बे में उनका समर्थन करने के लिए आए थे। शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने भी उस स्थान के पास विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक शैलेश बलकवडे ने बताया कि यड्रावकर के समर्थक उनके कार्यालय के बाहर जमा हो गए थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे शिवसेना के कार्यकर्ताओं को करीब 200 मीटर दूर रोक दिया। बलकवडे ने कहा, "भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। पुलिस ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि दोनों पक्षों के बीच झड़प न हो।''