मुंबई: महाराष्ट्र में बड़ा सियासी फेरबदल हुआ है। अजित पवार अपने 30 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। इसके अलावा 9 विधायक मंत्री बने हैं, जिसमें छगन भुजबल, दिलीप वलसे, हसन मुश्रिफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव बाबा, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल पाटील का नाम शामिल है। ये शपथ ग्रहण कार्यक्रम महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित किया जा रहा है।
कैसे हुआ ये पूरा सियासी खेल!
अजित पवार ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। सूत्रों में मुताबिक, दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की सीक्रेट मीटिंग हुई थी, उसी में इस सियासी बदलाव की रणनीति तैयार हुई।
पहले ही शुरू हो गई थी सुगबुगाहट!
अजित पवार ने अपने सरकारी निवास स्थान देवगिरी पर विधायकों की बैठक बुलाई थी। अजित ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी छोड़कर संगठन में किसी पद पर काम करने की इच्छा जाहिर की थी। इसी के बाद से एनसीपी में अजित पवार के महाराष्ट्र अध्यक्ष बनने की चर्चा जोर पकड़ने लगी थी।
अजित पवार के सरकारी निवास पर मौजूद विधायकों ने अजित पवार को महाराष्ट्र के पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने की बात रखी थी। विधायकों ने मांग की थी कि जल्द से जल्द नए अध्यक्ष का चुनाव हो। इस बैठक में जो लोग मौजूद थे, उसमें दिलीप वलसे पाटील, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, किरण लहमाटे, निलेश लंके, धनंजय मुंडे, रामराजे निंबालकर, दौलत दरोडा, मकरंद पाटील, अतुल बेणके, सुनिल टिंगरे, अमोल मिटकरी, अदिति तटकरे, सुप्रिया सुले (सांसद), अमोल कोल्हे (सांसद), शेखर निकम और निलय नाईक मौजूद थे।
बैठक खत्म होते ही सभी विधायक एक साथ अपनी-अपनी गाड़ी मे बाहर निकले थे। इसके बाद ये खबर आने लगी कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है। इसी दौरान अजित पवार भी आवास से बाहर निकले और सीधा राजभवन की ओर निकल गए।
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