लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रमा का 100वां एपिसोड उत्तर प्रदेश के मदरसों के छात्रों को भी सुनाया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाने और उन्हें जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी एक और मेगा प्लान लेकर आई है। बता दें कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण प्रत्येक महीने के आखिरी रविवार को होता है और इस बार 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम के 100वें एपिसोड का प्रसारण किया जाएगा।
तैयारियों में जुटा BJP अल्पसंख्यक मोर्चा
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा 30 अप्रैल को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम को मदरसों के बच्चों को सुनाने की तैयारियों में जुट गया है। यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बासित अली के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मदरसों में छात्रों, मौलानाओं के साथ-साथ अन्य लोगों को भी इस कार्यक्रम को सुनने के लिए इकट्ठा किया जाएगा। सबसे ज्यादा फोकस उन क्षेत्रों के मदरसों पर होगा जहां पर मुस्लिम समाज के लोगों की आबादी ज्यादा है। बता दें कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
पसमांदा मुसलमानों पर है खास फोकस
बीजेपी का खास फोकस पसमांदा मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट के बाद ‘अंतिम छोर तक पहुंचने’ (रीचिंग द लास्ट माइल) के विषय पर आयोजित वेबिनार में कुछ हफ्ते पहले समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचने के लिए सुशासन के महत्व पर काफी जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि इस तरह के दृष्टिकोण में भेदभाव और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होगी। मोदी ने पसमांदा मुसलमानों के पिछड़ेपन का भी जिक्र किया था और बताया था कि कैसे केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं समाज के वंचित तबकों तक पहुंच रही हैं।
पीएम ने वेबिनार में और क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेबिनार में कहा था कि हमें देश के 200 से अधिक जिलों और 22,000 से अधिक गांवों में रह रहे जनजातीय लोगों को यथाशीघ्र विभिन्न सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। उन्होंने कहा था कि इसी तरह हमारे अल्पसंख्यकों में, विशेष रूप से मुसलमानों में हमारे पास पसमांदा मुसलमान हैं, हमें उन तक लाभ कैसे पहुंचाना है, आजादी के इतने वर्षों बाद भी वे बहुत पीछे हैं। बता दें कि मुसलमानों में पिछड़े वर्गों को पसमांदा मुसलमान के रूप में वर्णित किया गया है।