लोकसभा चुनाव की तैयारियां देश में शुरू हो गई है। इस बीच भाजपा का दावा है कि इस बार वो 400 पार करेगी। लेकिन इस बीच अगर पीएम मोदी के गृहराज्य की बात करें तो यहां लोकसभा की 26 सीटें हैं। अगर इसमें से सूरत लोकसभा सीट की बात करें तो यहां भाजपा मजबूत स्थिति में है। वर्तमान में इस सीट से दर्शना जारदोश सांसद हैं जो भाजपा नेता हैं। बता दें कि साल 1984 के बाद से यहां कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका है। अब देखना ये है कि क्या लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस इस सीट पर कुछ कमाल कर पाएगी या नहीं।
साल 2014 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के टिकट पर दर्शाना विक्रम जारदोष चुनावी मैदान में थीं। वहीं कांग्रेस की तरफ से नैसाष भूपटभाई देसाई चुनावी मैदान में थे। इस दौरान भाजपा के उम्मीदवार को 7,18,412 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 1,85,222 वोट ही मिले थे। इस चुनाव में भी भाजपा की जीत हुई थी।
2014 में वोटर्स की संख्या कितनी थी?
सूरत लोकसभा सीट पर वोटरों की बात करें तो साल 2014 के मुताबिक कुल आबादी 26,17,024 है। इसमें से 6 फीसदी लोग गांवों में और 93 फीसदी लोग शहरों में रहते हैं। यहां 2 फीसदी लोग एससी वर्ग के और 3 फीसदी लोग एसटी वर्ग से हैं। साल 2014 में यहां कुल मतदाताओं की संख्या 14,84,068 थी। इसमें से मात्र 9,47,922 लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया था।
साल 2019 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजों की अगर बात करें तो इस सीट से भाजपा ने दर्शाना विक्रम जारदोष को चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं कांग्रेस ने अशोक पटेल को उतारा था। इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को 7,95,651 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को मात्र 2,47,421 वोट ही मिले थे।
साल 2009 में क्या थे चुनाव के नतीजे?
साल 2009 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो इस समय भाजपा ने दर्शाना विक्रम जारदोष को चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं कांग्रेस ने धीरुभाई हीराभाई गाजेरा को चुनावी मैदान में उतारा था। भाजपा उम्मीदवार को 3,64,947 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को 2,90,149 वोट मिले थे।