गोरखपुरः इस बार गोरखपुर लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होगा। यहां पर भोजपुरी एक्टर और एक्ट्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। बीजेपी ने मौजूदा सांसद और एक्टर रवि किशन को अपना उम्मीदवार बनाया है तो समाजवादी पार्टी ने भी फिल्म इंड्रस्ट्री का तगड़ा लगा दिया है। सपा ने भोजपुरी एक्ट्रेस काजल निषाद को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। एनडीए के उम्मीदवार रवि किशन और इंडिया गठबंधन काजल निषाद के इस सीट से उतरने से मुकाबला बहुत कड़ा हो गया है।
सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर
गोरखपुर संसदीय क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ रहा है। इस सीट से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय तक सांसद रहे। योगी आदित्यनाथ ने 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में पांच बार गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। यहां से उम्मीदवार बेशक रवि किशन हो लेकिन सीएम योगी का भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
क्या कहता है गोरखपुर का इतिहास
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार और एक्टर रवींद्र श्यामनारायण शुक्ला उर्फ रवि किशन ने 3,01,664 वोटों के अंतर से यह सीट जीती। रवि किशन 2019 में पहली बार सांसद बने। उन्हें 60.52% वोट शेयर के साथ 7,17,122 वोट मिले। उन्होंने सपा उम्मीदवार रामभुआल निषाद को हराया था। जिन्हें 4,15,458 वोट (35.06%) मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार मधुसूदन त्रिपाठी 22,972 वोट (1.94%) के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इसलिए बीजेपी ने इस बार फिर से रवि किशन को मैदान में उतारा है। हालांकि, सपा ने नए चेहरे काजल निषाद को मैदान में उतारा है। काजल भोजपुरी सिनेमा का जाना पहचाना नाम है।
यहां से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1998 से 2014 तक लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। योगी के सीएम बनने के बाद 2018 में उपचुनाव में सपा के प्रवीण निषाद चुनाव जीत गए थे। इसके बाद 2019 के चुनाव में यह सीट फिर से बीजेपी के खाते में आ गई।
इस बार क्यों हो सकता है कड़ा मुकाबला?
साल 2024 का लोकसभा चुनाव पिछले सभी इलेक्शन से अलग है। पिछले चुनाव में सपा, बसपा और आरएलडी के बीच गठबंधन था। इस बार आरएलडी एनडीए के खेमे में हैं तो बसपा अकेली है। इस बार समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ रही है। जिसमें कांग्रेस, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी, अपना दल (कमेरावादी) है तो एनडीए गठबंधन में बीजेपी, ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा, अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और आरएलडी शामिल हैं। गोरखपुर में पिछड़े और दलित मतदाताओं की संख्या ज्यादा बताई जाती है। एक अनुमान के मुताबिक यहां पर करीब चार लाख निषाद जाति के वोटर हैं।
सामान्य सीट है गोरखपुर
गोरखपुर सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं जिनमें कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहरी, गोरखपुर ग्रामीण और सहजनवा शामिल हैं। यह निर्वाचन क्षेत्र एक सामान्य सीट है और अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित नहीं है।
कौन हैं काजल निषाद
राजनीति में कदम रखने से पहले काजल निषाद फिल्म इंडस्ट्री में भी सक्रिय रही हैं और 'लापतागंज' जैसे कॉमेडी शो में काम कर चुकी हैं। उन्होंने कई भोजपुरी फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी है। एक्ट्रेस काजल के पति गोरखपुर के रहने वाले हैं। काजल भोजपुरी सिनेमा का जाना पहचाना नाम है।
कौन हैं रवि किशन
रवि किशन किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वह भोजपुरी के सुपर स्टार हैं। उन्होंने कई सारी बॉलीवुड फिल्में भी की हैं। रवि किशन मूल रूप से यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं। रवि किशन पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। एक छोटे से घर में पले-बढ़े। उनका परिवार डेयरी व्यवसाय चलाता था। 17 साल की उम्र में रवि की मां ने उन्हें 500 रुपये दिए और वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से भागकर मुंबई आ गए। रवि किशन कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन हार सामना करना पड़ा था। साल 2019 में वह बीजेपी के टिकट पर पहली बार लोकसभा पहुंचने में कामयाब हुए।