नमसाई (अरुणाचल प्रदेश): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में चीन पर निशाना साधते हुए कुछ ऐसी बातें कहीं जो निश्चित तौर पर ड्रैगन को चुभी होंगी। राजनाथ ने अरुणाचल प्रदेश के कई स्थानों का नाम बदलने के लिए चीन की आलोचना की और हैरानी जताते हुए पूछा कि भारत अगर ऐसा करेगा तो क्या पड़ोसी देश के वे इलाके ‘हमारे क्षेत्र का हिस्सा’ बन जाएंगे। अरुणाचल प्रदेश ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र के नमसाई में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में 30 स्थानों के नाम बदलने के चीन के कदम से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
‘ऐसी हरकतों से भारत और चीन के रिश्ते खराब होंगे’
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं चीन से पूछना चाहता हूं कि यदि हम पड़ोसी देश के विभिन्न राज्यों के नाम बदल दें तो क्या वे हमारे क्षेत्र का हिस्से होंगे? ऐसी हरकतों से भारत और चीन के रिश्ते खराब होंगे। हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं। लेकिन अगर कोई हमारे स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो भारत मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखता है।’ भारत ने हाल में चीन द्वारा अरुणाचल में कुछ स्थानों का नाम बदलने को ‘मूर्खतापूर्ण’ बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि ‘खोजे गये’ नाम देने से यह हकीकत नहीं बदल जाएगी कि राज्य भारत का अभिन्न अंग है, और सदैव रहेगा।
स्टालिन की ‘सनातन’ विरोधी टिप्पणी पर बरसे थे राजनाथ
इससे पहले रक्षा मंत्री ने सोमवार को एक रैली में DMK नेता उदयनिधि स्टालिन की कथित सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों को लेकर तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल पर और राहुल गांधी की ‘शक्ति’ टिप्पणी पर विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा था। राजनाथा सिंह ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करने के लिए हिंदू आस्था और महिलाओं को निशाना बना रहा है। सिंह ने कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा था और कहा कि देश विपक्षी दल की पिछली कई ‘गलतियों की भारी कीमत चुका रहा है।’