कांग्रेस पार्टी की पारंपरिक सीट मानी जाने वाली अमेठी और रायबरेली को लेकर पार्टी लगातार प्लानिंग कर रही है। पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद राहुल गांधी को रायबरेली और केएल शर्मा को अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया है। आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर राहुल गांधी की हार हुई थी। अब कांग्रेस पार्टी ने इन सीटों पर जीत के लिए खास प्लानिंग शुरू कर दी है। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली के लिए दो राज्यों के पूर्व सीएम को भी जिम्मेदारी सौंपी है।
गहलोत-बघेल को जिम्मेदारी
कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली की सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। पार्टी ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को इन दो सीटों को पर्यवेक्षक बनाया है। अमेठी से अशोक गहलोत और रायबरेली से भूपेश बघेल को पार्टी की तरफ से पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा चुनाव के बीच तत्काल प्रभाव से इन दोनों नियुक्ति को हरी झंडी दी है।
प्रियंका खुद देखेंगी चुनाव प्रचार
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस इन सीटों पर कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए प्रियंका गांधी वाड्रा इस बार अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के प्रचार की कमान खुद संभालेंगी। 18 मई तक प्रियंका सिर्फ इन्हीं दो सीटों पर फोकस रखेंगी। यानी लगभग 12 दिनों तक प्रियंका गांधी इन दो सीटों के अलावा किसी और राज्य में चुनावी प्रचार के लिए नही जायेंगी।
प्रियंका के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी
जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात प्रियंका गांधी गेस्ट हाउस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी और इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। प्रियंका गांधी पहले भी इन दो सीटों पर अपने भाई और मां के लिए प्रचार की कमान संभालती रही हैं। लेकिन सक्रिय राजनीति में आने के बाद ऐसा पहली बार होगा जब प्रियंका के कंधों पर इन दो सीटों को पार्टी के लिए जीतने की जिम्मेदारी होगी।
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