Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में पहले चरण का मतदान हो चुका है और दूसरे चरण की तैयारी भी पूरी है। देश की 543 लोकसभा सीटों पर सात चरण में मतदान होना है। इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में मुंबई की साउथ सेंट्रल सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीट पर शिवसेना के दो गुटों के बीच मुकाबला है। उद्धव ठाकरे ने यहां अनिल देसाई को टिकट दिया है। वहीं, एकनाथ शिंदे ने मौजूदा सांसद राहुल शेवाले को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस और बीजेपी ने यहां उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, क्योंकि दोनों दल अलग-अलग गठबंधन का हिस्सा हैं। एनडीए की तरफ से शिंदे ने राहुल और विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन की तरफ से उद्धव ने अनिल को टिकट दिया है।
यह सीट इसी वजह से चर्चा में बनी हुई है, क्योंकि यहां शिवसेना के दो गुटों के बीच सीधा मुकाबला है। शिवसेना में फूट पड़ने के बाद पहली बार दोनों दल के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। मुंबई साउथ सेंट्रल की लड़ाई से ही तय होगा कि बालासाहेब की पार्टी शिवसेना का असली वारिस कौन है और उनकी राजनीतिक विरासत को कौन आगे बढ़ाएगा।
मौजूदा सांसद हैं शेवाले
राहुल शेवाले इस सीट से मौजूदा सांसद हैं। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड़ को डेढ़ लाख वोट से हराया था। वह 2014 में भी इसी सीट से सांसद बने थे। हालांकि, अब हालात बदल चुके हैं। शिवसेना में फूट के बाद यह देखना बाकी है कि मराठा वोटर किसके साथ हैं। इसी आधार पर दोनों उम्मीदवारों की जीत और हार का फैसला होगा। अगर दोनों को मराठी वोट मिलते हैं तो शेवाले को दलित होने का फायदा मिल सकता है।
क्या हैं समीकरण?
इस संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा छेत्र हैं और इनमें से चार में एनडीए गठबंधन के विधायक हैं, जबकि दो में I.N.D.I.A. गठबंधन का कब्जा है। 14 लाख से ज्यादा मतदाताओं वाली मुंबई साउथ सेंट्रल सीट पर 42 फीसदी मराठी मतदाता हैं। जातीय समीकरण के लिहाज से 28 फीसदी मतदाता दलित हैं। 20 फीसदी मुस्लिम हैं। यहां 10 फीसदी मतदाता उत्तर भारतीय और 8.50 फीसदी मतदाता दक्षिण भारत से हैं। 2008 में यह सीट अस्तित्व में आई और 2009 में कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड़ यहां से विधायक बने। इसके बाद से राहुल शेवाले यहां से सांसद बनते आ रहे हैं।
शेवाले की मुश्किल बढ़ा सकते हैं अनिल
मौजूदा सांसद राहुल शेवाले के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा। उनके पास चार विधायकों का समर्थन है, जो अपने क्षेत्र में उनके पक्ष में प्रचार करेंगे। इस सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। इस लिहाज से प्रचार का समय भी काफी ज्यादा है, लेकिन उद्धव ठाकरे के नाम पर यहां के वोट अनिल को मिल सकते हैं। राहुल के पास दलित होने का फायदा है तो अनिल के पास उद्धव के प्रति लोगों की सहानुभूति का ट्रंप कार्ड है। अगर विपक्षी गठबंध के वोटर एकजुट होकर अनिल को वोट देते हैं और वह मराठा वोट बैंक में सेंध लगा पाते हैं तो उनकी जीत लगभग तय हो जाएगी।
यह भी पढ़ें-
गिरफ्तारी के 9 साल बाद फिर चर्चा में क्यों आया छोटा राजन, दाउद इब्राहिम गैंग का है दुश्मन नंबर-1
Lok Sabha Elections 2024: कम वोटिंग से चिंतित EC बना रहा है प्लान, कैसे हो ज्यादा मतदान?