Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला लगातार जारी है। तमाम नेता अपनी पार्टी को छोड़ दूसरे सियासी दलों में भविष्य तलाश रहे हैं। दूसरे दलों से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। आम चुनाव से पहले ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी समेत कई पॉलिटिकल पार्टियों के बड़े नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। 2024 ही नहीं 2019 के आम चुनाव में भी कमोबेश हालात कुछ ऐसे ही थे। तो चलिए आपको बताते हैं किस नेता ने किस पार्टी का दामन थामा है।
नवीन जिंदल
हरियाणा से कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं। साथ ही देश के जाने-माने उद्योगपति हैं। वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र से 2 बार कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं। पहली बार 2004 में और फिर इसके बाद 2009 में सांसद बने थे। इसके बाद वह भाजपा के उम्मीदवार से 2014 में चुनाव हार गए। इस बार बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र से ही मैदान में उतार दिया है। नवीन जिंदल का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा झटका है।
रवनीत सिंह बिट्टू
पंजाब में भी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भाजपा का दामन थाम लिया है। रवनीत दिवंगत पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते हैं। हाल ही में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उन्होंने कांग्रेस से अलग रुख अपनाया था और दिल्ली के सीएम को निशाने पर लिया था। उन्होंने एक्स पोस्ट तब की थी जब जब राहुल और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता केजरीवाल के समर्थन में खुलकर सामने आए थे। रवनीत सिंह के राजनीतिक करियर की बात करें तो वह तीन बार के सांसद हैं। 2014 और 2019 में लुधियाना से सांसद निर्वाचित हुए थे जबकि 2009 में कांग्रेस ने उन्हें आनंदपुर साहिब से टिकट दिया था और उन्होंने जीत दर्ज की थी।
सीता सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भाजपा में शामिल हुई हैं। जामा से विधायक सीता सोरेन ने उन्हें और उनके परिवार को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया था। पार्टी सुप्रीमो और अपने ससुर शिबू सोरेन को लिखे इस्तीफा पत्र में सीता ने कहा था कि उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद पार्टी उन्हें और उनके परिवार को पर्याप्त सहयोग मुहैया कराने में नाकाम रही। भाजपा ने दुमका से सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया है।
गीता कोड़ा
झारखंड के सिंहभूम से कांग्रेस सांसद और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं। गीता कोड़ा 2018 में कांग्रेस में शामिल हुईं। गीता कोड़ा जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक भी रह चुकी हैं। इससे पहले वो जय भारत समानता पार्टी की सदस्य थीं, जिसकी स्थापना उनके पति मधु कोड़ा ने 2009 में की थी।
अशोक चव्हाण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमंत्री रहे अशोक चव्हाण भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। अशोक चव्हाण औरंगाबाद के रहने वाले हैं। अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण के बेटे हैं। अशोक चव्हाण की पत्नी अमिता भी विधायक हैं। अशोक चव्हाण ने 1986 में कांग्रेस पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
छगन भुजबल
छगन भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र में एक मजबूत ओबीसी चेहरा रहे हैं। हाल ही में NCP के दो भागों (शरद पवार और अजित पवार) में बटने के बाद छगन भुजबल ने अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के साथ जाने का फैसला किया। छगन भुजबल 1999 से 2003 तक महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री रहे। इससे पहले वह महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण विभाग मंत्री और गृह मामलों के मंत्री रहे हैं।
मिलिंद देवड़ा
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए। महज 27 साल की उम्र में सांसद बने मिलिंद देवड़ा ने 2004 के चुनावों में भाजपा प्रत्याशी जयवंतीबेन मेहता को दस हजार मतों से हराया था। इसके बाद 2009 में मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर भी मिलिंद देवड़ा का कब्जा रहा।
बाबा सिद्दीकी
महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल बाबा सिद्दीकी ने हाल ही में एनसीपी ज्वाइन करके काग्रेस को बड़ा झटका दिया। बाबा सिद्दीकी अजित पवार की एनसीपी में शामिल हुए। बाबा सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा से तीन बार विधायक रहे हैं। एनसीपी में शामिल होने के बाद बाबा ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी में परसेप्शन की राजनीति होती है, इसलिए मुझे इसे छोड़ना पड़ा। मैं खुली किताब हूं और मैं खानदानी आदमी हूं। मैं किसी की बुराई नहीं करना चाहता।
एस विजयधरानी
तमिलनाडु कांग्रेस से विधायक रही एस विजयधरानी ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। विजयधरानी 2021 से कन्याकुमारी जिले के विल्वनकोड निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रही हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में जब नेतृत्व की बात आती है तो महिलाओं को वो सम्मान नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए। कांग्रेस पार्टी में महिलाओं के लिए कोई मंच नहीं है। जबकि प्रधानमंत्री मोदी कानून लाए और जल्द ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करेंगे। उन्होंने तीन तलाक को खत्म किया और मुस्लिम महिलाओं को संपत्ति पर समान अधिकार दिलाया।
देबासिस नायक
ओडिशा के पूर्व मंत्री और बीजू जनता दल (BJD) के वरिष्ठ नेता देबासिस नायक ने बीजेडी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया। देबासिस नायक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के भरोसेमंद सहयोगियों में से एक थे। देबासिस नायक 2000, 2004, 2009 और 2014 में जाजपुर जिले के बारी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहे हैं।
दिगंबर कामत
गोवा के पूर्व सीएम दिगंबर कामत और विपक्ष के नेता माइकल लोबो समेत 8 कांग्रेस विधायकों ने 2022 में भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा में शामिल होने के बाद दिगंबर कामत ने कहा था कि उन्होंने इसके लिए भगवान से परमिशन ली थी। उनका यह बयान काफी चर्चा में भी रहा था।
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