लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल फूंका जा चुका है और सभी राजनीतिक दल जीत की कोशिश में अपनी पूरी तैयारी में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के तहत पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिग होगी। इस चुनावी सीजन में हम पाठकों के लिए लोकसभा चुनाव से जुड़े कुछ अनोखे तथ्यों को सामने लेकर आ रहे हैं। इसी क्रम में आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी लोकसभा सीटों के बारे में बताएंगे, जहां आजादी के बाद से अब तक सिर्फ मुस्लिम प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। आइए जानते हैं इन खास सीटों के बारे में विस्तार से।
मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल)
साल 2019 में तृणमूल कांग्रेस के अबु ताहिर खान ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं, 2014 में CPIM के बदरुद्दौजा खान को जीत मिली थी। इससे पहले 2004 से 2009 तक कांग्रेस के अब्दुल मानन हुसैन, 1998-99 में सीपीएम के मोइनुल हसन, 1996, 1991, 1989, 1984, 1980 में सीपीएम के मसूदल हुसैन सैयद को जीत मिली। 1977 में यहां जनता पार्टी के काजिम अली मिर्जा, 1971 में IUML के अबु तालिब चौधरी, 1962, 1967 में सैयद बदरुद्दुजा और 1952 व 1957 में कांग्रेस के मुहम्मद खुदा बख्श को जीत मिली थी।
धुबरी (असम)
असम की इस सीट पर 1952 व 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के अमजद अली, 1962 में कांग्रेस के गयासुद्दीन अहमद, 1967 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के जहानुद्दीन अहमद, 1971 में कांग्रेस के मोइन उल हक चौधरी, 1977 में अहमद हुसैन, 1980 में नुरुल इस्लाम, 1984 में अब्दुल हामिद, 1991-1996 में नुरुल इस्लाम, 1998-1999 में अब्दुल हामिद, 2004 में अनवर हुसैन की जीत हुई। वहीं, 2009 से लेकर अब तक AIUDF के बदरुद्दीन अजमल इस सीट से सांसद हैं।
बारामूला
बारामूला जम्मू और कश्मीर में एक संसदीय क्षेत्र है। इस सीट पर 2019 में मोहम्मद अकबर लोन, 2014 में जेकेपीडीपी के मुजफ्फर हुसैन बेग, 2009 में जेकेएन के शरीफ उद दीन शरीकिन, 2004, 1999 में जेकेएन के अब्दुल रशीद शाहीन ने जीत हासिल की। 1998 में जेकेएन के प्रोफेसर सैफुद्दीन सोज, 1996 में कांग्रेस के रसूल कर, 1989 और 1984 में जेकेएन के सैफ उद दीन सोज, 1980 में जेकेएन के ख्वाजा मुबारक शाह, 1977 में जेकेएन के अब्दुल अहद और 1971 व 1967 में कांग्रेस के सैयद अहमद आगा ने क्रमश: यहां से चुनाव जीता था। वहीं, 1957 में कांग्रेस के शेख मोहम्मद अकबर यहां से सांसद बने थे।
मलप्पुरम
मलप्पुरम केरल का एक संसदीय क्षेत्र है। 2021 में अब्दुस्समद समदानी, 2017 और 2019 में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के पीके कुन्हालीकुट्टी और 2014 और 2009 में IUML के ई अहमद ने इस सीट से चुनाव जीता था। साल 1957 में बी पोकर यहां से चुनाव जीते। 1967 व 1971 में मुहम्मद इस्माइल चुनाव जीते। 1977, 1980, 1984 और 1989 में इब्राहिम सुलेमान सैत यहां से सांसद रहे। 1991, 1996, 1998 और 1999 में ई अहमद इस सीट से विजयी हुए। वहीं, 2004 में CPI के टीके हमजा इस सीट से सांसद बने।
लक्षद्वीप
लक्षद्वीप में 2019 और 2014 के लोकसभा चुनाव में NCP के मोहम्मद फैजल ने जीत हासिल की थी। 2009 में कांग्रेस के हमदुल्ला सईद और 2004 में जेडीयू के डॉ. पी पूकुनहिकोया ने यहां जीत दर्ज की। इस सीट पर कांग्रेस के पीएम सईद ने 1967 से लेकर 1999 तक लगातार चुनाव जीता। वहीं, 1957 और 1962 में कांग्रेस के के. नल्ला कोया थंगल इस सीट से सांसद रहे। बता दें कि 1967 से पहले तक यहां के सांसद को राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित किया जाता था।
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