19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव का डंका बज जाएगा। लोग अपने मतों को इस्तेमाल कर अपने क्षेत्र का सांसद चुनने के लिए मतदान करेंगे। साथ ही चुनाव करीब आते ही राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। इनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं जहां जबरदस्त टक्कर देखने को मिल सकती है, ऐसी ही राजस्थान की एक सीट नागौर है, जहां इस सीट पर बीजेपी व गठबंधन प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। जानकारी दे दें कि इस सीट पर बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को अपना उम्मीदवार बनाया है तो इंडिया गठबंधन ने आरएलपी के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल पर अपना दांव खेला है।
पहले भी आमने-सामने आ चुके दोनों
जानकारी दे दें कि मिर्धा और बेनीवाल इससे पहले 2014 और 2019 में भी आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं। नगौर सीट पर फतह पाने के लिए बीजेपी ने कई बार प्रयोग किए हैं, इसके बाद भी बीजेपी को इस सीट पर सिर्फ 3 बार 1997 का उपचुनाव, 2004 और 2014 के चुनाव में जीत नसीब हुई है। पिछले चुनाव यानी 2019 के चुनाव में बीजेपी और आरएलपी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की थी। वहीं, अगर कांग्रेस की बात करें तो इस सीट से 10 बार जीत हासिल की है।
जाट वोट की गढ़ है ये सीट
नागौर सीट को परंपरागत तरीके से जाट राजनीति का प्रमुख गढ़ माना जाता है। अगर इस सीट पर जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां जाट अधिक हैं फिर मुसलमानों की तदाद है। इसके अलावा, यहां राजपूत, एससी और मूल ओबीसी के मतदाता भी अच्छी खासी-संख्या में हैं। नागौर सीट पर मिर्धा परिवार का लंबे समय से दबदबा कायम रहा है। नाथूराम मिर्धा परिवार जाट समुदाय से संबंध रखता है, इस परिवार का जाट समाज में काफी दबदबा माना जाता है। इस सीट से सबसे ज्यादा 6 बार सांसद बनने का रिकार्ड पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा के नाम दर्ज है। ज्योति मिर्धा इन्हीं की पोती है।
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