नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने आज अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस घोषणा पत्र में 5 न्याय और 25 गारंटी की बात कही गई है। पार्टी ने जाति जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 50 प्रतिशत से अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और नई शिक्षा नीति में संशोधन करने समेत कई वादे किए हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को 'न्याय पत्र' नाम दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस घोषणा पत्र में भविष्य के शानदार भारत की तस्वीर नजर आती है।
पार्टी ने वादा किया है कि देश में उसकी सरकार बनने पर वह जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण की अधिकतम सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाया जाएगा। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी। घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार में आने के बाद नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श कर इसमें संशोधन किया जाएगा। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि जो नेता भ्रष्टाचार के मामलों से बचने के लिए भाजपा में शामिल हुए, उनके मामलों को फिर से खोला जाएगा और जांच कराई जाएगी। इस लेख में हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि 2019 के घोषणा पत्र से 2024 का चुनाव घोषणा पत्र कितना अलग है।
रोजगार
अगर 2019 के चुनाव घोषणा पत्र से तुलना करें तो 2024 के घोषण पत्र में कांग्रेस ने कुछ अलग मुद्दों को जोड़ा जिसमें जातीय जनगणना जैसे मुद्दे शामिल किये गए हैं। 2019 के चुनाव घोषणा पत्र में पार्टी ने पहला वादा रोजगार का किया था। इसमें 2020 तक सभी खाली पदों को भरने और ग्रामीण युवाओं को रोजगार देने का बादा किया था। इस बार पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है।
किसान और खेती
2019 में पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में किसान और खेती से जुड़े मुद्दे को अहम स्थान दिया था। पार्टी ने वादा किया था कि कृषि का महत्व समझते हुए रेल की तरह अलग से किसान बजट पेश किया जाएगा। किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। 2024 के घोषणा पत्र में ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया गया है।
गरीबी उन्मूलन
2019 में पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में न्यूनतम आय योजना का वाद किया था। गरीबी उन्मूलन के लिए इस योजना में जनसंख्या के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों तक लाभ पहुंचाया जाएगा। हर गरीब परिवार को सालाना 72 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का वादा किया था। 2024 में कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है।
जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य
2019 में कांग्रेस ने रेलवे के ढांचे को बदलने, पूर्वोत्तर को विशेष राज्य का दर्ज देने और शहरीकरण पर व्यापक नीति बनाने का वादा किया था। 2024 में कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा है कि उसने अगले 10 वर्षों में भारत की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
आरक्षण की सीमा खत्म करने का वादा
2019 में कांग्रेस ने प्राइवेट इंश्योरेंस आधारित योजनाओं पर निशाना साधा था और यह वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगी। 2024 को घोषमा पत्र में कांग्रेस ने हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी गई है।