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बेंगलुरु: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने ‘संपत्ति के बंटवारे’ से जुड़े बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साथा है। ‘X’ पर एक पोस्ट में देवेगौड़ा ने कहा है कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जितने वादे किए हैं, वैसे वादे वही पार्टी कर सकती है जिसे सत्ता में न आने का पूरा यकीन हो। वहीं, राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या संपत्ति का सर्वे और उसका पुनर्वितरण करने का वादा करके वह किसी क्रांति का सपना देख रहे हैं। आइए, जानते हैं देवेगौड़ा ने 5 प्वाइंट्स में राहुल और कांग्रेस पर कैसे हमला बोला। उन्होंने कहा:
1. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इतनी सारी बातें करने का वादा किया है कि केवल वही पार्टी, जिसे कभी भी सत्ता में न आने का पूरा यकीन हो, इतने वादे करेगी। वे इस देश की दिशा को उलट देना चाहते हैं। उन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए।'
2. राहुल गांधी संपत्ति सर्वेक्षण करना चाहते हैं और संपत्ति का पुनर्वितरण करना चाहते हैं। क्या वह खुद को माओवादी नेता मानते हैं? क्या वह किसी क्रांति का सपना देख रहे हैं?
3. संपत्ति के बंटवारे की बात करके राहुल गांधी ने 2 कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों का अपमान किया है, जो बाजार में सुधार लाए और इस देश की संपत्ति में वृद्धि की। वह परोक्ष रूप से यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि कांग्रेस के दोनों प्रधानमंत्रियों ने जो कुछ किया वह गलत था। उन्होंने उनके आर्थिक सुधारों को वैसे ही तार-तार कर दिया है जैसे उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को तार-तार किया था।
4. राहुल गांधी केंद्र सरकार की 30 लाख नई नौकरियां देना चाहते हैं। मैंने इस देश को चलाया है। केवल 40 लाख स्वीकृत नौकरियां हैं। वह रातों-रात 30 लाख और नौकरियां कैसे जोड़ सकते हैं। वह इन लोगों को कितनी तनख्वाह देंगे? वह उन्हें कहां नियोजित करेंगे? क्या वह इन्हें सरकारी दफ्तरों में 4 शिफ्टों में लिफ्ट ऑपरेटर बनाएंगे? बिना व्यावहारिक ज्ञान वाला कोई शख्स ही इस तरह की बात कर सकता है।
5. पी. चिदम्बरम घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष थे। क्या वह राहुल गांधी के अपरिपक्व आर्थिक विचारों से सहमत हैं?
देवेगौड़ा पर पलटवार करेगी कांग्रेस?
देवेगौड़ा के हमले के बाद देखना है कि क्या कांग्रेस उनके बयानों पर पलटवार करती है। दरअसल, देवेगौड़ा एक मंझे हुए राजनेता है और उन्होंने कई महीनों तक एक प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस देवेगौड़ा के सिलसिलेवार वारों पर कैसे पलटवार करती है।