बेंगलुरु: भाजपा ने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ने की वजह से सोमवार को बागी नेता के. एस. ईश्वरप्पा को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। चुनाव मैदान में उतरे पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रह चुके ईश्वरप्पा ने अपने बेटे केई कांतेश को हावेरी से टिकट नहीं मिलने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और उनके पिता एवं दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा को दोषी ठहराया था। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को हावेरी से भाजपा का टिकट मिला है, जबकि विजयेंद्र के भाई एवं सांसद बी वाई राघवेंद्र शिमोगा से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
6 साल के लिए किया निष्कासित
प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष लिंगराज पाटिल ने निष्कासन आदेश में कहा है कि ‘‘पार्टी के निर्देशों की अनदेखी करते हुए आप शिमोगा लोकसभा क्षेत्र से एक बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है।’’ इसमें कहा गया है कि ''इसलिए, आपको सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है और तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है।'' विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता को निष्कासित करने का पार्टी का फैसला लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत सात मई को कर्नाटक में होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवारी वापस लेने के आखिरी दिन आया।
BJP के वरिष्ठ नेता रहे हैं ईश्वरप्पा
येदियुरप्पा और दिवंगत एचएन अनंत कुमार के साथ ईश्वरप्पा को कर्नाटक में जमीनी स्तर पर भाजपा को खड़ा करने का श्रेय दिया जाता है। पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले 75 वर्षीय ईश्वरप्पा ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा था कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं और उन्हें किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारने पर विचार न किया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब ईश्वरप्पा को फोन किया था और उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी तथा पार्टी के निर्देशों के अनुसार, चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के उनके कदम की सराहना की थी। (इनपुट- भाषा)
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