Thursday, November 21, 2024
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Lok Sabha Election 2024: रांची की सीट पर अपना दबदबा बरकरार रख पाएगी BJP? जानें आंकड़े

रांची की लोकसभा सीट पर पिछले 2 चुनावों से बीजेपी का दबदबा रहा है और पार्टी के प्रत्याशियों ने कांग्रेस उम्मीदवार को बेहद आसानी से मात दी है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: March 06, 2024 13:19 IST
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Image Source : INDIA TV रांची लोकसभा सीट।

रांची: देश में अगले कुछ ही हफ्तों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और यही वजह है कि सियासी सरगर्मी उफान पर है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपनी-अपनी रणनीतियों पर अमल करना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनावों के जरिए मतदाता कुल मिलाकर 543 सांसदों को चुनेंगे जो संसद के निचले सदन में अपने क्षेत्र की जनता की नुमाइंदगी करेंगे। इन 543 लोकसभा सीटों में से जिस पार्टी या गठबंधन को 272 या उससे ज्यादा सीटें मिलेंगी उसे सरकार बनाने का मौका मिलेगा। इन्हीं 543 लोकसभा सीटों में से एक सीट झारखंड की राजधानी रांची की भी है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

रांची की सीट पर भारी रहा है BJP का पलड़ा

बता दें कि रांची लोकसभा सीट में कुल मिलाकर 6 विधानसभा सीटें हैं। इन सीटों के नाम इचागढ़, सिल्ली, खिजरी (एसटी), रंची, हटिया और कांके (एससी) है। ईचागढ़ की सीट पर JMM, सिल्ली की सीट पर AJSU और खिजरी की सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि बाकी की तीनों सीटें बीजेपी के पास हैं। पिछले 2 चुनावों में रांची की लोकसभा सीट पर बीजेपी की जीत होती रही है इसलिए कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में बीजेपी का दबदबा रहा है। 

2014 और 2019 में हुई थी बीजेपी की बड़ी जीत

2014 के लोकसभा चुनावों में रांची की लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की थी। बीजेपी प्रत्याशी राम टहल चौधरी को जहां 4,48,729 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय 2,49,426 वोट ही जुटा सके थे। इस तरह कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग 2 लाख मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में भी कहानी कुछ अलग नहीं रही और बीजेपी प्रत्याशी संजय सेठ ने कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय को पौने तीन लाख से भी ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया था।

रांची में जातिवाद का फैक्टर नहीं रहा है हावी

बता दें कि रांची की विधानसभा सीट पर जातिवाद का फैक्टर कभी भी हावी देखने को नहीं मिला। इस सीट पर हुए कुल 17 लोकसभा चुनावों में विभिन्न जातियों एवं धर्मों के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर जीत दर्ज करने वाले नेताओं में कुर्मी से लेकर कायस्थ और मुस्लिम से लेकर पारसी तक रहे हैं, इसलिए कहा जा सकता है कि रांची के मतदाताओं ने जातिवाद जैसी चीजों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

2014 और 2019 में NDA ने मारी थी बाजी

2014 में लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से लेकर 12 मई तक कुल 9 चरणों में संपन्न हुए थे। इन चुनावों में जनता ने 16वीं लोकसभा के लिए अपने नुमाइंदों को चुना था। 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के नतीजे 16 मई को आए थे, जिनमें NDA ने जीत दर्ज की थी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे। 2019 में आम चुनाव 11 अप्रैल से लेकर 19 मई तक कुल 7 चरणों में संपन्न हुए थे और नतीजे 23 मई को आए थे। इन चुनावों में भी 2014 की कहानी दोहराई गई और नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बने।

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