बेगूसराय: बिहार में वैसे तो 40 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन इनमें से बेगूसराय सीट बेहद खास है। बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी विधानसभा सीटें शामिल हैं। परिसीमन के बाद साल 2009 में बेगूसराय लोकसभा सीट वजूद में आई। हालांकि इस क्षेत्र को कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी का गढ़ कहा जाता रहा है, लेकिन अब पिछले दस सालों से यहां पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद चुन कर संसद जा रहे हैं। यहां के कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है। वहीं इस क्षेत्र की आबादी मुख्य रूप से खेती-किसान और पशुपालन जैसे कामों पर निर्भर करती है। इसके अलावा यहां पर उद्योगों को स्थापित करने का मुद्दा भी चुनावों में बना रहता है।
यहां समझे 2014 का चुनाव और उसके नतीजे
लोकसभा चुनाव 2014 में बिहार में छह चरणों में मतदान संपन्न कराए गए, इनमें तीसरे, पांचवें, छठें, सातवें, आठवें और नौवें चरण में चुनाव हुए। वहीं बेगूसराय लोकसभा सीट की बात करें तो यहां सातवें चरण के तहत 30 अप्रैल 2014 को मतदान हुआ। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जहां डॉ. भोला सिंह को उम्मीदवार बनाया था, वहीं राजद के प्रत्याशी मोहम्मद तनवीर हसन उनको टक्कर देने की पूरी तैयारी में थे। मतदान के बाद 16 मई को जब मतगणना हुई तो भाजपा के प्रत्याशी डॉ. भोला सिंह को 428227 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी राजद प्रत्याशी मोहम्मद तनवीर हसन को 369892 वोट मिले। इस तरह से साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय की जनता ने डॉ. भोला सिंह को चुनकर संसद भेजा।
यहां समझे 2019 का चुनाव और उसके नतीजे
वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी सीटों पर सभी सात चरणों में मतदान कराए गए। इसमें बेगूसराय लोकसभा सीट पर चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को मतदान हुआ। इस बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जहां दिग्गज नेता गिरिराज सिंह को टिकट दिया तो आरजेडी ने फिर से मोहम्मद तनवीर हसन पर भरोसा जताया, वहीं कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने इस चुनाव में कन्हैया कुमार को टिकट देकर बड़ा दांव खेला। हालांकि 29 अप्रैल को मतदान होने के बाद जब 23 मई को वोटों की गिनती हुई तो इसमें भाजपा को 692193 वोट मिले, जबकि कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 269976 वोट मिले, इसके अलावा आरजेडी को 198,233 वोटों से संतोष करना पड़ा। वहीं 2019 के चुनाव में भाजपा को बेगूसराय सीट पर एक बार फिर बहुत बड़ी जीत मिली और यहां की जनता ने गिरिराज सिंह को चुनकर लोकसभा भेजा।
क्या कहती है बेगूसराय की सियासत
वहीं बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर उद्योग के नाम पर कुछ गिने-चुने कारोबार हैं। इसके अलावा यहां के लोग मुख्य रूप से खेती और पशुपालन करते हैं। वहीं 2009 में परिसीमन के बाद जहां पहली बार इस सीट पर जदयू से मोनाजिर हसन चुनकर संसद गए तो वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. भोला सिंह को जीत मिली, इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने यहां पर जीत दर्ज की। वहीं परिसीमन से पहले की बात करें तो इस क्षेत्र में आजादी के बाद से ज्यादातर कांग्रेस या कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का ही दबदबा रहा है।